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बैंक ऑफ बड़ौदा की एटीएम मशीनों से करोड़ों की चोरी, 25.52 लाख रुपये के साथ दो गिरफ्तार

Two Arrested with Rs 25.52 Lakh by STF Crores Rupees Stolen Bank of Baroda ATM machines

Two Arrested with Rs 25.52 Lakh by STF Crores Rupees Stolen Bank of Baroda ATM machines

एसटीएफ उत्तर प्रदेश को बैक आफ बड़ौदा की एटीएम मशीनों में तकनीकी छेड़छाड़ कर करोड़ो रूपये की चोरी करने वाले गिरोह के 2 सदस्यों को गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई है। गिरफ्तार किये गये अभियुक्तों के विरूद्व आगे की कार्यवाही साइबर थाना एसटीएफ लखनऊ द्वारा की जा रही है। अभियुक्तों के कब्जे से 25.52 लाख रुपये नगद, चार मोबाईल फोन, दो अदद एटीएम कार्ड (पीएनबी), एक एटीएम कार्ड (आईसीआईसीआई बैंक), दो आधार कार्ड और एक ड्राईविंग लाईसेन्स बरामद हुआ है।

बैंकों के एटीएम में कैंश अपलोड करने वाली कम्पनी सीक्योर वैल्यू इण्डिया लिमिटेड वी-25, विभूतिखण्ड, गोमतीनगर, लखनऊ के शाखा प्रबन्धक आषीष मिश्रा द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ अभिषेक सिंह को अवगत कराया गया कि जनपद बहराइच में बैंक आफ बडौ़दा के एटीएम मशीन में कैश अपलोड करने की जिम्मेदारी उनके कम्पनी की है। एटीएम मशीनों के साफ्टवेयर में छेड़खानी कर कम्पनी के ही कस्टोडियनों द्वारा अब तक जानकारी के मुताबिक 35 लाख की धनराशि गैरकानूनी तरीके से निकाल ली गयी है। प्रकरण साइबर सम्बन्धी अपराध से होने के कारण एफआईआर साईबर थाना एसटीएफ लखनऊ में पंजीकृत कराकर अभियुक्तों की गिरफ्तारी व कैश के बरामदगी का अनुरोध किया गया। परिणाम स्वरूप, साईबर थाना, एसटीएफ, लखनऊ पर मु.अ.सं.10/2018 धारा 409/420/467/468/471/ 379/34 भादवि व 43ए/66 आई.टी. एक्ट का अभियोग पंजीकृत किया गया।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]एसटीएफ ने पॉलिटेक्निक चौराहे से दोनों को किया गिरफ्तार[/penci_blockquote]
एसएसपी एसटीएफ द्वारा पुलिस उपाधीक्षक प्रमेश कुमार शुक्ला के नेतृत्व में कार्य कर रही टीम को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया। जिसके अनुपालन में प्रमेश कुमार शुक्ला पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ मुख्यालय लखनऊ के पर्यवेक्षण में प्रभारी निरीक्षक साईबर थाना, लखनऊ मुस्तकीम चौहान एवं उपनिरीक्षक शैलेन्द्र यादव एसटीएफ के नेतृत्व में गठित टीम द्वारा जनपद लखनऊ/बहराइच एवं उसके आसपास के जनपदों में अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गई। अभिसूचना संकलन के दौरान गुरुवार को विश्वसनीय स्रोत के माध्यम ज्ञात हुआ कि बहराइच स्थित बैंक आफ बड़ौदा के विभिन्न एटीएम मशीनों में छेड़छाड़ कर एटीएम चेस्ट से सीक्योर वैल्यू इण्डिया लिमिटेड के कर्मचारी आशीष कुमार जायसवाल पुत्र राम अनुज जायसवाल निवासी लक्षमणपुर बाजार थाना-भिनगा श्रावस्ती और अंकुर श्रीवास्तव पुत्र उमाशंकर श्रीवास्तव निवासी ग्राम-रामपुर अहिरौली थाना-हैदरगंज फैजाबाद व धर्मेन्द्र द्वारा कई लाख रूपये हड़प लिये गये हैं। आशीष व अंकुर देर शाम फैजाबाद से लखनऊ वाया रोड किसी साधन से आयेंगे। दोनों के पास एटीएम मशीन से चोरी किये गये काफी पैसे हैं जिन्हे लखनऊ में ही प्लाट खरीदारी में निवेश करेंगे। इस सूचना पर फैजाबाद रोड स्थित पालिटेक्निक तिराहा लोहिया अस्पताल मोड़ के पास बने बस स्टैण्ड से घेरमार कर पकड़ लिया गया एवं उनसे पूछताछ करते हुए तलाशी ली गई, जिस पर उनके कब्जे से उपरोक्त बरामदगी हुई।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]एक साल से कंपनी में कर रहे थे दोनों कस्टोडियन अभियुक्त काम[/penci_blockquote]
पूछताछ पर गिरफ्तार दोनों अभियुक्तों ने बताया कि लगभग एक वर्ष से सीक्योर वैल्यू इण्डिया लिमिटेड नामक कम्पनी जो विभिन्न बैंकों के एटीएम में कैश अपलोड करने का काम करती है, में कस्टोडियन के पद पर काम करते हैं। सीक्योर वैल्यू इण्डिया लिमिटेड के पास एटीएम मशीनों में कैश अपलोड करने का सीधा टेण्डर नहीं हैं, बल्कि वह एजीएस ट्रान्जेक्ट टेक्नोलाजी नाम की दूसरी कम्पनी के माध्यम से काम करती है। कस्टोडियन के पद पर सीक्योर वैल्यू में नियुक्त किये गये कर्मचारीगणों के नाम, पता, फोटो व प्रमाणित हस्ताक्षर एजीएस के माध्यम से बैंक को भेजा जाता है। कम्पनी द्वारा उस कर्मचारी का पहचान पत्र भी जारी किया जाता है। सीक्योर वैल्यू इण्डिया लिमिटेड को एजीएस के माध्यम से बैंक से मेल द्वारा अवगत कराया जाता है कि किस तिथि को बैंक के करेंसी चेस्ट से कस्टोडियन द्वारा कितना पैसा विड्ड्राल किया जायेगा तथा किस-किस एटीएम मेें कितना पैसा अपलोड किया जायेगा।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]एटीएम मशीन के डेटा को एडिट कर पेन ड्राइव में किया था कॉपी[/penci_blockquote]
एटीएम मशीनों की देखरेख व रिपेयर की जिम्मेदारी एनसीआर कम्पनी के फैजल खान नाम के कर्मचारी की है। उसके पास एटीएम मशीन को खोलने का यूजर नेम व पासवर्ड रहता है, जिसके माध्यम से एटीएम मषीनों के ईजे लाग (इलेक्ट्रानिक जनरल) तक पहुॅचा जा सकता है। ईजे लाग में एटीएम मशीन के माध्यम से किये गये प्रत्येक ट्रांजेक्शन की ट्रैक लिस्ट तैयार होती रहती है। एटीएम मशीन में किसी भी प्रकार का की बोर्ड, यूएसबी डिवायस अथवा पेन ड्राईव कनेक्ट करना नियम विरूद्ध है। एटीएम मशीनों में अक्सर खराबी की समस्या के कारण अपनी सुविधा के लिए इन्जीनियर फैजल खाॅ ने हमको यूजर आईडी व पासवर्ड दे दिया था, जिससे छोटी मोटी खराबियों का समाधान हमलोग कर भी देते थे। इसी यूजर आईडी व पासवर्ड का दुरूपयोग कर हम लोग एटीएम मशीनों के ईजे लाग तक पहुॅचे और मैनुअल की बोर्ड की मदद से ईजे लाग के डेटा को अपनी सुविधा अनुसार एडिट कर उसे पेन ड्राईव में कापी कर लिया।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]जालसाज ऐसे बैंक को लगाते थे चूना[/penci_blockquote]
पूछताछ में दोनों ने बताया कि हमारे द्वारा ईजे लाग में डिसपेंश को बढ़ाकर दिखाया गया था। यदि विभिन्न ट्रांजेक्शन के माध्यम से एटीएम मशीन से पचास हजार रूपये डिसपेंश किये गये तो उस राशि को एडिट कर हमारे द्वारा 5 लाख कर दिया गया, परिणाम स्वरूप एटीएम के रिमेनिगं बैंलेन्स में से डिफ़रेंस अमाउण्ट 4.5 लाख की धनराशि को हमने अपने लाभ के लिए निकाल लिया। पेन ड्राईव में कापी किये गये ईजे लाग की प्रिन्ट आउट किसी अन्य प्रिन्टर से प्रिन्ट कर कम्पनी को प्रेषित कर दिया। जिसे कम्पनी के माध्मय से बैंक को भेजा गया। चूॅकि इजे लाग में की गयी किसी प्रकार की एडिटिंग को सेव किया जाना सम्भव नहीं है, इस कारण बैंक के डेटाबेस को वास्तविक डेटा ही दिखा। कम्पनी द्वारा बैंक को भेजी गयी कउन्टर स्लीप व बैंक के डेटावेस में ईजे लाॅग में अंकित ट्रांजेक्शन में ताल मेल न होने के कारण बैंक द्वारा अन्तर राशि जमा करने हेतु कम्पनी को निर्देशित किया गया और इस प्रकार हमारी चोरी पकड़ी गयी। हम लोगों ने कई बार में करोड़ों की चोरी एटीएम मशीनों से की है।

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