राजधानी लखनऊ के वीआईपी क्षेत्र में आलू फेंकने के मामले में पुलिस ने दो सपा कार्यकर्ताओं को कन्नौज से गिरफ्तार करने का दावा किया है। एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में कन्नौज से सपा के दो नेताओं को गिरफ्तार किया है। कहा जा रहा है कि आलू फेंकने की योजना अखिलेश यादव के दो करीबी नेताओं ने मिल कर बनाई थी। भाजपा ने पहले ही आलू फेंकने की घटना को योगी सरकार ने बदनाम करने की साजिश बताया था।
एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि राजधानी लखनऊ के राजभवन, विधानसभा और मुख्यमंत्री आवास के सामने से लेकर 1090 चौराहे तक आलू फेंकने के पीछे राजनीतिक साजिश थी। हजरतगंज पुलिस आलू फेंकने वाले लोडर चालक सहित तीन लोगों को कन्नौज से पकड़ा। पुलिस ने कन्नौज ठठिया कस्बे में दबिश के दौरान लोडर भी जब्त किया है। पुलिस का कहना है कि आलू सरकार को निशाना बनाने के लिए फेंके गए थे।
इस मामले में रिपोर्ट बनाकर गृह विभाग को भेजी गई है। वहां से हरी झंडी मिलने के बाद केस दर्ज किया जाएगा। एसएसपी ने बताया आलू फेंकने के पीछे राजनीतिक पार्टी के लोग शामिल थे। समाजवादी पार्टी के कन्नौज के दो नेता शुक्रवार को वहीं के एक लोडर स्टोरेज से आलू लखनऊ लेकर आए। यहां माल एवेन्यू स्थित पार्टी के दफ्तर में फ्रंटल संगठनों के पदाधिकारी एकत्र हुए और आलू एक लोडर में भरा गया।
आधी रात के बाद लोडर राज भवन की तरफ रवाना किया गया। इसमें बैठे मजदूर बोरे काटकर आलू फेंकते जा रहे थे। लोडर के आगे पीछे राजनीतिक पार्टी के नेता कारों से चल रहे थे। सीसीटीवी फुटेज में भी लोडर के आसपास कारें चलती नजर आ रही हैं। पुलिस ने लोडर चालक से पूछताछ की तो राजनीतिक साजिश की पुष्टि हो गई।
एसएसपी ने बताया कि लोडर चालक ने जो नाम बताएं उनके मोबाइल फोन की कॉल डिटेल निकलवाई तो बात सही निकली। पुलिस ने इस कांड में शामिल नेताओं के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल के आधार पर कई अन्य नेताओं को भी साजिश का हिस्सा बनाया है। या रिपोर्ट जल्दी गृह विभाग को भेजी जाएगी। फ़िलहाल योगी सरकार की किरकिरी करने वाले इस किस्से का पुलिस ने खुलासा कर दिया है।
एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि आलू फेंकने की साजिश समाजवादी युवजन सभा के नेताओं ने रची थी।कन्नौज के तिर्वा से डाला भरकर आलू लाया गया था। पुलिस को सीसीटीवी से अहम सबूत मिले हैं। इस मामले में पुलिस ने कन्नौज के सपा नेता के करीबी अंकित सिंह और डाला चालक संतोष पाल को गिरफ्तार किया है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने तीसरे आरोपी की दबाव के चलते गिरफ़्तारी नहीं दिखाई है।