उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद कैदियों के मरने का सिलसिला लगातार जारी है। ताजा मामला बदायूं जिला का है। यहां जिला कारगर में निरुद्ध दो बंदियों की संदिग्ध मौत होने से माहौल बिगड़ गया। कैदियों के परिजनों ने जेल प्रशासन पर प्रताड़ना और हत्या का आरोप लगाते हुए सड़क जाम कर दिया। प्रदर्शनकारी बरेली-मथुरा हाइवे पर लेटकर मुआवजा और दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग कर रहे थे। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुचे सिटी मजिस्ट्रेड, सीओ सिटी एवं कई थानों की पुलिस ने स्थिति को काबू में किया और परिजनों को समझा बुझाकर जाम खुलवाया। हालांकि इस दौरान घंटो यातायात बाधित रहा।
जानकारी के मुताबिक, जिला कारागार में निरुद्ध दो कैदियों शाहरूख एवं असलम की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इसकी जानकारी मिलते ही परिजन मौके पर पहुंचे। उन्होंने अपने समर्थकों के साथ मिलकर शहर कोतवाली क्षेत्र के लालपुल चौकी पर जाम लगा दिया। जेल में बंदियों की मौत की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। प्रदर्शनकारियों द्वारा जेल के अधिकारियों के विरूद्ध जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन के चलते माहौल तनावपूर्ण हो गया लेकिन बाद में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को समझाकर मामला शांत करवा दिया। मृत कैदियों के परिजनों का आरोप ये भी था कि जेल के भीतर उन्हें जहर देकर हत्या की गई है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
लगातार जेल में हो रही कैदियों की मौत
➡4 फरवरी 2018 को बलिया के जिला कारागार में निरुद्ध कैदी की जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। मौत की सूचना मिलने के बाद परिवार के सदस्यों एवं ग्रामीणों ने मुआवजा की मांग को लेकर जिला कारागार के सामने जेल रोड पर धरना दे दिया। परिवार के लोग भरण-पोषण के लिए 10 लाख रुपये तथा प्रकरण की जांच कराने की मांग कर रहे थे। सूचना पर एएसपी विजय पाल सिंह सहित कई बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे थे।
➡28 मई 2018 को हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास भुगत रहे एक कैदी की देहरादून जिला कारगर में इलाज के दौरान मौत हो गई। कैदी कैंसर से पीड़ित था। 19 को हालत बिगड़ने पर कैदी को पहले जेल अस्पताल में भर्ती कराया जहां से श्रीमहंत इन्दिरेश अस्पताल में रेफर कर दिया गया था। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया। साल 2008 में उसे न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके बाद से वह जिला कारागार सुद्धोवाला में बंद था। थानाध्यक्ष प्रेमनगर मुकेश त्यागी ने बताया कि गज्जू काफी दिनों से कैंसर से पीड़ित था।
➡29 मई 2018 को सुलतानपुर जिला कारागार में निरुद्ध सजा याफ्ता कैदी की दोपहर में मौत हो गई। कोतवाली नगर क्षेत्र के अमिलिया कला गांव निवासी चंदू उर्फ चंद्रेश बहादुर को हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा हुई थी। गत 22 मई को उन्हें नैनी सेंट्रल जेल से सुलतानपुर जिला कारागार में स्थानांतरित किया गया था।