- खोखली साबित हो रही पीएम की आदर्श ग्राम योजना, उमा ने विकसित गांव को लिया गोद
- केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने लोकसभा क्षेत्र के जिस गांव को गोद लिया है वह बुंदेलखंड के सबसे विकसित इलाकों में से एक माना जाता है।
- ललितपुर का गांव पवा, जो बुंदेलखंड का सबसे विकसित गांव माना जाता है, उमा भारती ने लिया गोद।
- प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत जो गांव गोद लिए गए हैं, वहां योजना के कई महीने बीतने के बाद भी विकास की ओर एक कदम आगे नहीं बढ़ पाया है।
- उमा भारती की सिर्फ झांसी-ललितपुर सीट ही नहीं, बल्कि बुंदेलखंड के अन्य तीन संसदीय क्षेत्रों के सांसदों का भी यही हाल है।
- प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत सांसदों ने गांव गोद लेने की घोषणा अंतिम समय तक कर पाए थे। वहीं, गांव गोद लेने की घोषणा अब तक हवा ही साबित हुई है।
- प्रधानमंत्री की सोच धरातल पर उतरती नहीं दिख रही।
- बीजेपी की फायर ब्रांड नेता केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने अपनी लोकसभा क्षेत्र के जिस गांव को गोद लिया है, वह झांसी ही नहीं, बल्कि बुंदेलखंड के सबसे विकसित इलाकों में से एक माना जाता है।
- ललितपुर के तालबेहद कस्बे के पास स्थित ग्राम पवा जैन तीर्थ स्थल है।
- यह गांव झांसी-ललितपुर के साथ बुंदेलखंड के सबसे विकसित गांवों में से एक नजर आता है।
- पांच हजार से अधिक आबादी वाले इस गांव में सात सरकारी स्कूल हैं। पांच प्राइमरी और दो जूनियर हाईस्कूल के साथ ही इंटर कॉलेज भी स्थापित होना है, जो अभी प्रक्रिया में है। इतना ही नहीं गांव में एक पॉलिटेक्निक कॉलेज भी है।
- गांव में एएनएम सेंटर है। प्रसव पीड़ा होने पर गांव की महिलाओं को शहर या कस्बे की ओर नहीं दौड़ना पड़ता है।
- सभी पक्की सड़कों के साथ गांव किसी भी सूरत से पिछड़ा नजर नहीं आता है।
- नगर निगम के वॉर्ड के बाद उमा ने पैतृक गांव ले लिया था गोद
- बताते चलें कि उमा भारती द्वारा इस गांव को विकसित करने के लिए मुहर लगाने से पहले दो और गांवों को छोड़ना पड़ा था।
- सबसे पहले उमा भारती ने झांसी से सटे नगर निगम के वॉर्ड श्रीनगर को गोद लेने की घोषणा कर दी। विवाद के बाद उमा ने यह गांव छोड़ दिया। उमा का कहना था कि गांव में सड़क की समस्या थी, इसलिए उन्होंने इस गांव को गोद लिया। वहीं, झांसी के डीएम अनुराग यादव ने बताया कि गांव नगर निगम के अंतर्गत आता है। गाइड लाइन के अनुसार यह ठीक नहीं था।
- झांसी के इस गांव के मानक पर खरा नहीं उतरने के बाद उमा भारती ने ललितपुर के ग्राम सड़कौरा को गोद लेने का ऐलान किया,
- लेकिन यहां भी नए विवादों ने जन्म ले लिया।
- ग्राम सड़कौरा को उमा भारती का पैतृक गांव कहा जाता है,
- जबकि उमा भारती का कहना है कि कई पीढ़ी पहले उनके पूर्वज यहां रहते थे, लेकिन अब उनका इस गांव से कोई लेना देना नहीं।
- फिर भी विवादों और मामले के सुर्खियों में आने के बाद उमा ने गोद लिए गए नगर निगम के इस वार्ड को छोड़ दिया।
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