उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिला में झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज से करीब 40 लोगों के एचआईवी एड्स हो गया. मरीजों के एचआईवी पॉजिटिव होने का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. इस संबंध में डिप्टी सीएमओ उन्नाव तन्मय कक्कड़ ने बताया कि बेसिक जांच में झोलाछाप डॉक्टर के अलावा लंबे समय तक बाहर रहने वालों का भी तथ्य सामने आया है. यह बेहद संवेदनशील मामला है. जबकि इंजेक्शन देने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
डॉक्टर्स की भर्ती न करने के कारण फल-फूल रहा झोलाछाप डॉक्टर्स का धंधा
उन्नाव के एक गांव में झोलाछाप डॉक्टर की वजह से एक साथ 40 लोग एचआईवी पॉजिटिव हो गए हैं, जिसके बाद प्रदेश सरकार झोलाछाप डॉक्टरों को लेकर चेती है और अब कार्यवाही की बात कही जा रही है. वहीं मामले पर उत्तर प्रदेश सरकार के दस महीने बीत जाने के बाद भी स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बयान देते हुए उन्नाव में हुयी घटना की वजह पिछली सरकार को बताया है.
पिछली सरकार पर लगाया आरोप:
आपको बता दें कि मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने पिछली सरकार पर आरोप मढ़ते हुए कहा कि प्रदेश में झोलाछाप डॉक्टर आने की वजह पिछली सरकार है क्योंकि प्रदेश में डॉक्टर्स की भारी कमी के चलते भी नियुक्तियां नहीं की गयी, जिसकी वजह से उनका धंधा चल रहा था. अगर डॉक्टर्स की कमी नहीं होती तो झोलाछाप का धंधा ही नहीं चलता, और फिर भी जो होते उन पर कार्यवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि उन्नाव में हुयी घटना के बाद लगातार प्रदेश में झोलाछाप डॉक्टर्स पर कार्यवाई चल रही है, जिला स्तर पर लगातार ऐसे झोलाछाप डॉक्टर्स को चिन्हित कर उन पर एफआईआर की जा रही है. उन्होंने कहा कि अब तक केवल उन्नाव में ही करीब 75 डॉक्टर्स पर कार्यवाई कर उनको जेल भेजने का काम किया गया है.