उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम लखनऊ आलमबाग बस टर्मिनल की तर्ज पर 21 बस अड्डों को हाईटेक बनाएगा। इसके तहत यात्री सुविधाएं बेहतर बनाने के लिए बस अड्डे के ऊपर मॉल का निर्माण प्रस्तावित है। यह बस अड्डे पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर विकसित किए जाएंगे। इसके लिए परिवहन निगम ने गुरुवार को इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया। इसमें परिवहन निगम के अफसरों के साथ मुंबई, दिल्ली समेत देशभर के निवेशक शामिल हुए।
इन्वेस्टर्स समिट में निवेशक इन 21 वर्षों में से अपनी पसंद के बस अड्डे को हाईटेक बनाने की बात रखेंगे। निवेशक पहले से बने बस अड्डों को ध्वस्त कर अपनी पूंजी से बस अड्डा और वहां माल बनाएंगे। इन बस अड्डों का निर्माण अगले साल प्रस्तावित है। बस अड्डा बनाने के बाद निवेशकों को यह 30 साल की लीज पर दिए जाएंगे। यानी बस अड्डे का मालिकाना हक परिवहन निगम और दुकान, होटल, रेस्टोरेंट का मालिकाना हक निवेशक के पास होगा। समिट में परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय, प्रमुख सचिव परिवहन आराधना शुक्ला भी मौजूद थी।
इस संबंध में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक पी गुरु प्रसाद ने बताया प्रदेश के किस बस अड्डों को हाईटेक बनाने और वहां यात्रा सुविधाएं विकसित करने के लिए इन्वेस्टर समिट में निवेशकों के साथ चर्चा की गई। उन्होंने बताया कि हाईटेक होने वाले बस अड्डों में लखनऊ के चारबाग, विभूति खंड गोमती नगर, अयोध्या, रायबरेली, कौशांबी, गाजियाबाद, कैंटोनमेंट वाराणसी, प्रयागराज में सिविल लाइन व जीरो रोड, गोरखपुर, आगरा में ईदगाह, आगरा फोर्ट, ट्रांसपोर्ट नगर, कानपुर सेंट्रल ब्यूरो बस स्टैंड, भैशाली, सोहराब गेट मेरठ, बरेली सैटेलाइट, अलीगढ़, मथुरा, गढ़मुक्तेश्वर, हापुड़, बुलंदशहर शामिल हैं।
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