लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में पिछले तीन सालों में 6126 एनकाउंटर हुये जिसमें 122 दुर्दांत अपराधी ढेर कर दिये गये जबकि 13 हजार से अधिक को गिरफ्तार किया गया है। आप को बता दे कि मुख्यमन्त्री बनने के बाद से ही लगातार अपराधियों के खिलाफ कड़े रुख इख्तियार की थी।
अब तक हुए पुलिस ने कुल 6126 एनकाउंटर।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 20 मार्च 2017 से 10 जुलाई 2020 के बीच पुलिस ने कुल 6126 एनकाउंटर किए।इस दौरान 13361 अपराधी गिरफ्तार कर जेल की सलाखों के पीछे भेजे गये जबकि कानपुर के हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे समेत 122 दुर्दांत अपराधी ढेर हुए। हालांकि इस दौरान 13 जवान शहीद हुए जिनमें कानपुर के चौबेपुर में शहीद आठ पुलिसकर्मी शामिल हैं।उन्होने बताया कि पुलिस मुठभेड़ में 2293 अपराधी गोली लगने से घायल हुये जिसके बाद पुलिस ने उन्हे धर दबोचा हालांकि मुठभेड़ में 894 पुलिस वाले भी गोली लगने से घायल हुए।
मेरठ और आगरा में मुठभेड़ों की संख्या ज्यादा।
सूत्रों की माने तो मौजूदा सरकार के कार्यकाल में अब तक सबसे ज्यादा एनकाउंटर मेरठ और आगरा में हुए। मेरठ में कुल 2070 मुठभेड़ों में पुलिस ने 3792 अपराधी गिरफ्तार किये। इनमें 1159 गोली लगने से घायल हुए, जबकि 59 को पुलिस ने मार गिराया।वही आगरा में 1422 एनकाउंटर्स किए गए। इस दौरान 3693 अपराधी गिरफ्तार हुए जबकि 134 गोली लगने से घायल हुए। 11 अपराधियों को मार गिराया गया। इसके अलावा प्रयागराज में 245 एनकाउंटर में 492 अपराधी गिरफ्तार हुए, जबकि पांच मारे गए। इसी तरह बरेली में 879 एनकाउंटर्स में 1940 अपराधी गिरफ्तार किए गए। गोरखपुर में 196 मुठभेड़ों में 462 अपराधी पकड़े गए और चार मारे गए।
वाराणसी में 379 मुठभेड़ में 11 ढेर।
सूत्रों के अनुसार लखनऊ कमिश्नरी में 30 एनकाउंटर में 65 गिरफ्तार और दो की मौत हो गई। गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) कमिश्नरी में 259 मुठभेड़ में 717 गिरफ्तार और 6 अपराधी मारे गए। कानपुर में 419 मुठभेड़ों में 828 अपराधी गिरफ्तार ढेर हुए। लखनऊ में 227 मुठभेड़ में 580 अपराधी गिरफ्तार और नौ मारे गये। वाराणसी में 379 मुठभेड़ के दौरान 792 अपराधी गिरफ्तार और 11 एनकाउंटर में मारे गए।