उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (यूपी एटीएस) ने आज अपना स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। आज के ही दिन 26 नवम्बर 2007 को यूपी एटीएस की स्थापना हुई थी। यूपी एटीएस अपना 11वां स्थापना दिवस मना रही है। बता दें कि 2007 कचहरी सीरियल ब्लास्ट के बाद यूपी एटीएस की स्थापना की गई थी। 23 नवंबर 2007 को दोनों आरोपियों ने लखनऊ दीवानी कोर्ट में बम विस्फोट किया था। स्थापना दिवस समारोह में तमाम पुलिस अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
प्रदेश में बढ़ती आतंकी घटनाओं को रोकने के लिए गठित यूपी आतंकी निरोध दस्ता एटीएस ने अपने स्थापना के 11 साल में 27 आतंकियों और आईएसआई के 29 जासूसों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। इतना ही नहीं एटीएस ने लश्कर के आतंकियों को मार गिराने में भी आम भूमिका निभाई है। इन उपलब्धियों की चर्चा सोमवार को एटीएस के 11 वें स्थापना दिवस पर यहां गोमती नगर स्थित कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में की गई।
इस दौरान मुंबई आतंकी हमले में शहीद हुए पुलिस अधिकारियों को श्रद्धांजलि भी दी गई। मुख्य अतिथि एडीजी कानून-व्यवस्था आनंद कुमार ने कहा काफी कम समय में एटीएस की दक्षता और विशेषज्ञता का परिणाम देखने लगा है। आने वाले समय में तकनीकी क्षमता को इतना बढ़ाना है कि पुलिस आतंकियों के अहम कदम आगे रहे। इस मौके पर आईजी एटीएस असीम अरुण, आईजी ट्रैफिक दीपक रतन, पुलिस अधीक्षक सुरक्षा राजेश पांडेय समेत एवं स्पॉट की टीम भी मौजूद रही।
एटीएस में बाद में स्पेशल पुलिस ऑपरेशन टीम (स्पॉट) का गठन किया गया। इस टीम में को हाई रिस्क ऑपरेशन और कठिन से कठिन विषम परिस्थितियों को ध्यान में रखकर किया गया। इस टीम में 11 महिला कमांडो भी हैं। जो किसी भी आतंकी घटना से निपटने में सक्षम है। इसके अलावा सोशल मीडिया लाइव साइबर फैसिलिटेशन जैसी व्यवस्था भी प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था में अहम भूमिका निभा रही है।
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