उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा के मानसून सत्र (up assembly) की कार्यवाही से पहले सदन में विस्फोटक पदार्थ PETN मिला था. इस घटना के बाद यूपी सहित देशभर में भूचाल आ गया था. वहीं इस मामले में ATS (up ats) जाँच करने विधानसभा पहुंची थी. विस्फ़ोटक मामले में पड़ताल और पूछताछ की जानकारी ATS ने दी है.
विधानभवन में विस्फोटक मिलने का मामला
- एटीएस ने जांच और पूछताछ की जानकारी साझा की है.
- विधानभवन के 15 अधिकारियों-कर्मियों से पूछताछ की है.
- 1 असिस्टेंट मार्शल विधानसभा से भी पूछताछ की गई है.
- 4 इंजीनियरों के अतिरिक्त 2 सुरक्षाकर्मियों से भी की पूछताछ की गई है.
- 1 AC ऑपरेटर सहित 7 चतुर्थ श्रेणी कर्मियों से पूछताछ की गई.
- ATS की टीम ने 23 सीसीटीवी कैमरों को खंगाला.
- 12 सीसीटीवी विधानभवन परिसर में लगे हैं.
- 6 सीसीटीवी कैमरे विधानभवन के मंडप में लगे हैं.
- 2 कैमरे सत्ता पक्ष और विपक्ष के आवागमन गेट पर लगाये गए हैं.
- सदन के भीतर दूरदर्शन के 3 कैमरों की रिकॉर्डिंग ली गई है.
कैसे पहुंचा होगा विस्फोटक(ADG LO meeting):
- विधानसभा के गेट पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं.
- मेटल डिटेक्टर के साथ सुरक्षाकर्मी खड़े रहते हैं.
- लेकिन हैरानी की बात ये है कि मल्टी लेयर सुरक्षा घेरे को तोड़कर कोई विस्फोटक लेकर कैसे पहुँच गया?
- वहीँ इस पूरे घटनाक्रम में साजिश से इंकार भी नहीं किया जा सकता है.
- इस प्रकार की वारदात के बाद सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं.
- विस्फोटक नीले रंग के पॉलीथीन में रखा गया था।
- जब राजधानी स्थित विधानसभा सुरक्षित नहीं है तो पूरे प्रदेश में सुरक्षा के प्रबंध कैसे होंगे?
- ATS को इस मामले में जाँच के आदेश दिए गए हैं.
- 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर हुए धमाके में PETN का इस्तेमाल किया गया था.
- ये एक गंधहीन पदार्थ होता है और इसको X-रे मशीन भी नहीं पकड़ पाती है.
- ये छोटी से छोटी मात्रा में बढ़ा धमाका कर सकता है.
- वहीँ ये भी बात सामने आई है कि सदन के भीतर जाने वालों की तलाशी नहीं होती है.
- ऐसे में सुरक्षा में हुई इस चूक की जवाबदेही किसकी होगी