उत्तर प्रदेश में यूपी बोर्ड परीक्षा को नकल विहीन कराने के लिए योगी सरकार कड़े कदम उठा रही है, जिसके तहत प्रदेश के सभी विद्यालयों में सीसीटीवी लगाने का फरमान जारी किया गया था और विद्यालयों को इसका अनुपालन करने का सख्त निर्देश जारी किया था. परीक्षा में सुचिता बरकार रखने के लिए प्रदेश सरकार बड़े पैमाने पर प्रयास कर रही है. सीसीटीवी लगाने के साथ-साथ विद्यालयों के कक्ष में फर्नीचर व्यवस्था को भी सुदृढ़ गया जिससे कि परिक्षार्थियों को परीक्षा के दौरान किसी भी परेशानी का सामना ना करना पड़े. वहीँ सख्ती का ऐसा असर हुआ है कि 10.5 लाख परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी है.
देखें, क्या कहते हैं नक़ल न होने पर परीक्षा छोड़ने वाले छात्र
नक़ल न होने से घबराए परीक्षार्थी
योगी सरकार का नकल पर नकेल कसने का असर ये हुआ है कि अबतक 10 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं ने हाईस्कूल और इंटर की परीक्षाएं छोड़ दी हैं. यूपी बोर्ड के एग्जाम का चौथा दिन है और परीक्षा CCTV कैमरों की निगरानी में हो रही है. यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इण्टर की परीक्षा में योगी सरकार की सख्ती का ब्यापक असर देखने को मिला है. यूपी बोर्ड परीक्षा में परीक्षा छोड़ने का रिकार्ड बन चुका है. 10 लाख से ज्यादा परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी है. अबतक 10,44,619 परीक्षार्थी मैदान से बाहर हो चुके हैं.
अबतक 10,44,619 छात्र-छात्राओं ने छोड़ी परीक्षा
परीक्षा छोड़ने वालों में हाईस्कूल के 624473 और इंटरमीडिएट के 420146 परीक्षार्थी शामिल हैं. यह संख्या बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकृत 6637018 छात्र-छात्राओं की 15.73 प्रतिशत है जबकि 2016 में सर्वाधिक 645024 परीक्षार्थियों ने पेपर छोड़ा था लेकिन इस साल का आंकड़ा रिकार्ड हो गया.
CCTV का डर दिखा छात्रों में
नकल विहीन परीक्षा को लेकर सरकार की ओर से की जा रही सख्ती और सीसीटीवी कैमरे में करतूत कैद होने के खौफ से शुक्रवार तक 10,44,619 छात्र-छात्राओं ने पेपर छोड़ दिया है. इसके पहले भी परीक्षा से छात्रों ने दूरी बनाई है लेकिन महज 5 दिनों में जो संख्या निकलकर सामने आई है वो रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच चुकी है. अभी आगे भी परीक्षा होनी है और ऐसे में ये संख्या और भी बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है. स्कूलों में पढ़ाई नहीं होने या तमाम कारणों का हवाला दिया जा रहा है लेकिन सरकार की नक़ल रोकने की मुहीम ने परीक्षा में नक़ल की उम्मीद रखने वालों को निराश जरुर किया है.
कोचिंग सेंटर ने पास कराने का वादा किया था, CCTV ने बिगाड़ा खेल:
कई छात्रों का कहना है की परीक्षा से पूर्व कई कोचिंग सेंटर 100 फीसदी पास कराने की गारंटी ले रहे थे और उसके बदले सुविधा शुल्क भी वसूला गया लेकिन परीक्षा के दौरान लगे CCTV के कारण नक़ल करना मुश्किल हो गया. ऐसे में पास होने की उम्मीद कम है. छात्रों का कहना है कि अब अगले सत्र में अच्छे से तैयारी कर परीक्षा देंगे.
कई टीचर भी नक़ल कराने का कर रहे थे वादा, अब हो गए गायब
इंटरमीडिएट के एक छात्र अमित चौधरी ने बताया कि स्कूल टीचर्स ने हमसे पैसे लेकर नकल कराने का वादा किया था लेकिन बाद में वे भी पीछे हट गए। अमित ने आरोप लगाया कि टीचर्स ने सालभर ढंग से नहीं पढ़ाया और छात्रों को पास कराने का भरोसा दिलाते रहे.
रोज क्लास न करना भी रहा कारण
हाईस्कूल में टिकरी के कॉलेज केसरी सिंह मेमोरियल इंटर कॉलेज की छात्रा का कहना है कि वह रोज क्लास नहीं की थी. जब पता चला कि इस बार नकल नहीं हो पाएगी, एक साल परीक्षा छोड़कर अगले साल तैयारी के साथ परीक्षा देने का मन बना लिया है.
आसान बनायेंगे परीक्षा, परीक्षा छोड़ने वालों की संख्या देखकर बोले सीएम
सीएम योगी ने कहा कि परीक्षा को लेकर छात्रों में डर बैठ गया है और वो परीक्षा छोड़ रहे हैं. नक़ल विहीन परीक्षा कराने की बात पर 10 लाख से ज्यादा छात्रों ने परीक्षा छोड़ दी. इसलिए परीक्षा को आसान बनाने की जरुरत है ताकि परीक्षा के नाम पर छात्रों के अन्दर डर का माहौल न रहे और परीक्षा से दूरी न बनायें.
सीसीटीवी कैमरे निभा रहे बड़ा रोल
यूपी बोर्ड की परीक्षा नकलविहीन, पारदर्शी और निष्पक्ष रुप से कराये जाने को लेकर बोर्ड के अधिकारी तमाम दावे कर रहे हैं और शुरुआत में इनके दावों में दम भी दिखाई दे रहा है. बोर्ड की परीक्षा में नकल रोकने के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं. इसके लिए यूपी सरकार ने परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं साथ ही संबंधित जिले के अधिकारी और स्कूल के प्रिंसिपल को भी दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं.
डिप्टी सीएम स्कूलों का कर रहे दौरा
जिलाधिकारी द्वारा केन्द्र व्यवस्थापकों को निर्देशित किया गया है कि केंद्र पर जनरेटर, इनवर्टर आदि की व्यवस्था रखें ताकि सीसीटीवी बंद ना हो सके. परीक्षा केंद्रों पर लाइट, पानी, शौचालय की व्यवस्था को दुरस्त रखने को कहा गया है. केन्द्र व्यवस्थापकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि परीक्षा केंद्रों पर निरीक्षण के दौरान परीक्षार्थियों को भयभीत नहीं करना है. इसके अलावा परीक्षा केंद्र के व्यवस्थापक पूरी कोशिश करें कि नकल सामग्री केंद्र के अंदर न जाए.