उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का परिणाम जारी हो चुका है. बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक़ 10वीं के 75.16 फीसदी और 12वीं के 72.43 फीसदी बच्चों ने परीक्षा पास की है. पर उत्तर प्रदेश के लगभग 150 स्कूल ऐसे हैं, जिनके एक भी छात्र ने परीक्षा पास नही की है.
सीएम योगी ने नक़लविहीन परीक्षा का दिया था आदेश:
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (यूपीएसईबी) के 29 अप्रैल को 10वीं और 12वीं के नतीजे घोषित करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अच्छे परिणामों पर अपनी खुशी व्यक्त की और इन परीक्षाओं में उत्तीर्ण छात्रों को बधाई दी। लेकिन, राज्य भर में 150 स्कूल ऐसे भी हैं, जिन्होंने शून्य स्कोर किया. क्योंकि इन शैक्षणिक संस्थानों के एक भी छात्र ने यूपी बोर्ड द्वारा आयोजित 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को पास नहीं किया है।
इन स्कूलों के पिछले परिणामों को ध्यान में रखते हुए इन्हें संवेदनशील चिह्नित किया गया था।
यूपी बोर्ड के नतीजों के अनुसार, 10वीं के 98 स्कूल और 12 वीं के 52 स्कूलों में 0% परिणाम रहा है। 0 फीसदी रिजल्ट वाले स्कूलों में ना केवल सरकारी स्कूल बल्कि निजी स्कूल भी शामिल हैं।
यह उस बात के विपरीत एक उदाहरण है जिसमें दावा किया जाता है कि निजी स्कूल आमतौर पर बेहतर शिक्षा प्रदान करते हैं. शैक्षणिक विशेषज्ञों के मुताबिक, छात्रों के फेल होने का एक कारण राज्य सरकार द्वारा परीक्षाओं के दौरान नकल रोकने के लिए किये गये कड़े इंतजाम हो सकता है। हालांकि, यूपी बोर्ड ने 0 प्रतिशत परिणाम वाले स्कूलों के प्रधानाचार्यों से खराब परिणामों के लिए स्पष्टीकरण मांगा है।
यूपी बोर्ड की सचिव नीना श्रीवास्तव ने इन स्कूलों में नकारात्मक नतीजों पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा, “इस साल राज्य सरकार ने छात्रों की कॉपी की जांच के लिए सख्त तरीके अपनाए थे। इसके अलावा, ऐसे स्कूलों से केवल एक दर्जन या उससे भी कम छात्र होने की संभावना है.”
बता दें कि इस साल बोर्ड के परीक्षा के लिए कुल 66 लाख छात्र पंजीकृत हुए थे। जिनमें लगभग 36,55,691 10वीं के और 29,81,327 छात्र 12 वीं के थे।