सरकार ने तीन एक्सप्रेस-वे के लिए 27 हजार करोड़ रूपये आवंटित किए हैं, जिसमेें बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना के प्रारम्भिक कार्य हेतु 650 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। वहीं गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए 550, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लिए 1 हजार करोड़ एवं आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए 500 करोड़ रूपये का बजट आवंटित किया है।
बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना के प्रारम्भिक कार्य हेतु वर्ष 2018-19 के बजट में 650 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे परियोजना के प्रारम्भिक कार्यों हेतु बजट में 550 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण हेतु 01 हजार करोड़ रुपये तथा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के निर्माण हेतु 500 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
अन्य किन किन क्षेत्रों में जारी हुए रुपये
सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम –
एक जनपद एक उत्पाद योजना को क्रियान्वित किये जाने हेतु 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग –
उत्तर प्रदेश हैण्डलूम, पावरलूम, सिल्क, टेक्सटाइल्स एण्ड गारमेंटिंग नीति-2017 हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
पावरलूम बुनकरों को रियायती दरों पर बिजली देने के लिये 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
खादी एवं ग्रामोद्योग –
खादी एवं ग्रामोद्योग विकास तथा सतत् स्वरोजगार प्रोत्साहन नीति के क्रियान्वयन के लिये 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
पं0 दीन दयाल उपाध्याय ग्रामोद्योग रोजगार योजना के क्रियान्वन के लिये 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
पं0 दीन दयाल उपाध्याय खादी विपणन विकास सहायता योजना के लिये 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
आई0टी0 एवं इलेक्ट्राॅनिक्स –
समस्त शासकीय कार्यालयों में ई-आॅफिस व्यवस्था लागू करने हेतु 30 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
स्टार्ट-अप फण्ड की स्थापना के लिये 250 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य –
पी0पी0पी0 मोड पर 170 नेशनल मोबाइल मेडिकल यूनिट का संचालन किये जाने का निर्णय।
ग्रामीण क्षेत्रों में 100 नये आयुर्वेदिक चिकित्सालयों की स्थापना का लक्ष्य।
प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना के लिये 291 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
चिकित्सा शिक्षा –
प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के फेज-3 के अन्तर्गत 04 मेडिकल कालेजों यथा-झांसी, गोरखपुर, इलाहाबाद तथा मेरठ में उच्चीकृत सुपर स्पेशियलिटी विभाग बनाये जा रहे हैं तथा 02 मेडिकल काॅलेजों कानपुर एवं आगरा में सुपर स्पेशियलिटी विभाग बनाये जाने हेतु कुल 126 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
एस0जी0पी0जी0आई0 में रोबोटिक सर्जरी को प्रारम्भ किया जाना प्रस्तावित।
के0जी0एम0यू0 में आर्गन ट्रान्सप्लान्ट यूनिट स्थापित किये जाने का लक्ष्य।
डा0 राम मनोहर लोहिया इन्स्टीयूट आॅफ मेडिकल साइंसेज के नवीन कैम्पस में 500 शैय्यायुक्त सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, पैरामेडिकल एवं नर्सिंग कालेज का निर्माण कराया जायेगा।
प्रदेश के पाॅच जनपदों के जिला चिकित्सालयों को उच्चीकृत कर मेडिकल कालेज के रूप में पूर्ण करने के लिये 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान, ग्रेटर नोयडा में शैक्षणिक सत्र 2018-19 में एम0बी0बी0एस0 की 100 सीटों पर पाठ्यक्रम प्रारम्भ किया जायेगा।
राजकीय मेडिकल कालेज कानपुर, गोरखपुर, आगरा और इलाहाबाद में बर्न यूनिट की स्थापना के लिये 14 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
राजकीय मेडिकल कालेजों एवं संस्थानों में फायर फाइटिंग और इलेक्ट्रिकल सेफ्टी की स्थापना के लिए 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
वन एवं पर्यावरण –
जन एवं वनवासी केन्द्रित राज्य वन नीति-2017 का प्रख्यापन।
सब मिशन आॅन एग्रोफाॅरेस्ट्री योजना हेतु 20 करोड़ रुपये तथा कुकरैल वन क्षेत्र में पर्यटन एवं जैव विविधता केन्द्र की स्थापना प्रस्तावित।
राजस्व –
प्रदेश में भू-अभिलेखों के कम्प्यूटरीकरण हेतु 42 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
आम आदमी बीमा योजना हेतु 10 करोड़ रुपये, ’’प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना’’ हेतु 130 करोड़ 60 लाख रुपये तथा प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के लिये 4 करोड़ 75 लाख रुपये की व्यवस्था।
प्रदेश में आपदा प्रबंधन के वित्त पोषण हेतु आपदा मोचन निधि में 777 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
खाद्य तथा रसद –
रबी खरीद वर्ष 2018-19 में 50 लाख मीट्रिक टन गेहूॅ खरीद का कार्यकारी लक्ष्य।
गेहूॅ क्रय करने हेतु कुल 05 हजार 500 क्रय केन्द्र खोले जायेंगे।
सड़क एवं सेतु –
प्रदेश में सड़कों के निर्माण कार्यों हेतु 11 हजार 343 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
पुलों के निर्माण के लिये 1 हजार 817 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
मार्गों के नवीनीकरण, अनुरक्षण एवं मरम्मत कार्य के लिए 3 हजार 324 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
‘‘आर0आई0डी0एफ0’’ योजना के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में मार्गों के नव निर्माण, चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण तथा सेतुओं के निर्माण हेतु 920 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
विशेष क्षेत्र कार्यक्रम के अन्तर्गत पूर्वांचल की विशेष परियोजनाओं हेतु 300 करोड़ रुपये तथा बुन्देलखण्ड की विशेष योजनाओं के लिये 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
सड़कों के अनुरक्षण हेतु राज्य सड़क निधि में 1 हजार 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
‘‘केन्द्रीय मार्ग निधि योजना’’ के अन्तर्गत मार्गों के निर्माण, चैड़ीकरण तथा सुदृढ़ीकरण हेतु 2 हजार 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
राज्य राजमार्गों के चैड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण हेतु 650 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
जिला मुख्यालयों को फोर लेन सड़कों से जोड़े जाने हेतु 1 हजार 600 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
शहरों के बाईपास, रिंग रोड, फ्लाईओवर के निर्माण हेतु 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ग्रामीण अंचलों में नदियों एवं बड़े नालों पर पुलों के निर्माण हेतु 1 हजार 467 करोड़ रुपये तथा रेलवे उपरिगामी सेतुओं के निर्माण हेतु 350 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ग्राम्य विकास विभाग के बजट में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हेतु 2018-2019 में 2 हजार 873 करोड़ की व्यवस्था।
सिंचाई –
सरयू नहर परियोजना हेतु 1 हजार 614 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
अर्जुन सहायक परियोजना हेतु 741 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
मध्य गंगा नहर परियोजना हेतु 1 हजार 701 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
कनहर सिंचाई परियोजना हेतु 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
बाण सागर परियोजना हेतु 127 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
बाढ़ एवं जल प्लावन से बचाव हेतु तटबंध निर्माण, कटाव निरोधक कार्य एवं जल निकासी की विभिन्न परियोजनाओं हेतु 1004 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
बिजली –
भारत सरकार की सौभाग्य योजना प्रदेश में क्रियान्वित की जा रही है जिसके अन्तर्गत लगभग डेढ़ करोड़ परिवारों को मार्च, 2019 तक विद्युत संयोजन दिये जाने का लक्ष्य।
ऊर्जा क्षेत्र की योजनाओं हेतु वर्ष 2018-2019 में 29 हजार 883 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित।
अतिरिक्त ऊर्जा –
‘‘सौर ऊर्जा नीति-2017’’ में निजी सहभागिता से 2022 तक कुल 10 हजार 700 मेगावाट क्षमता की सौर विद्युत परियोजनायें स्थापित करने का लक्ष्य।
निजी आवासों पर ग्रिड संयोजित रूफटाॅप सोलर पाॅवर प्लाण्ट स्थापना हेतु अनुदान योजना के लिये 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था।