सरकार ने खाद्य उत्पादन एवं तिलहन उत्पादन को लेकर एक बड़ा लक्ष्य निधारित किया है। वहीं बुंदेलखण्ड को पर्याप्त पानी की व्यवस्था के लिए 131 करोड़ रूपये जारी किया है जिसमें सोलर पम्प लगाए जाएंगे। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण, कृषि से संबंधित एवं सहकारिता, पषुपालन क्षेत्र एवं दुग्ध उत्पादन सहित विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न योजनाओं के लिए पैसे आवंटित किए गए है।
वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट के मुख्य बिन्दु
कृषि एवं संबद्ध सेवाएं –
वर्ष 2018-19 में खाद्य उत्पादन का लक्ष्य 581 लाख 60 हजार मीट्रिक टन तथा तिलहन उत्पादन का लक्ष्य 11 लाख 28 हजार मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है।
बुन्देलखण्ड क्षेत्र में खेत-तालाब योजना के अन्तर्गत आगामी वर्ष में 05 हजार तालाबों के निर्माण का लक्ष्य है। सोलर फोटो वोल्टाइक इरीगेशन पम्पों की स्थापना के लिये 131 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
’’स्प्रिंकलर सिंचाई योजना’’ के अन्तर्गत किसानों को सब्सिडी हेतु 24 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।
शरदकालीन गन्ना बुवाई हेतु 01 लाख 65 हजार हेक्टेयर का लक्ष्य रखा गया है। 80 लाख कुंटल उन्नतिशील गन्ना बीज गन्ना कृषकों को उपलब्ध कराया जाएगा।
उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण –
प्रदेश में मुख्यमंत्री खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति-2017 लागू की गई है। मुख्यमंत्री खाद्य प्रसंस्करण मिशन के क्रियान्वयन हेतु 42 करोड़ 49 लाख रुपये की व्यवस्था।
सहकारिता –
उर्वरकों के अग्रिम भण्डारण की योजना हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण हेतु 31 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।
किसानों को कम ब्याज दर पर फसली ऋण उपलब्ध कराने हेतु सब्सिडी योजना के तहत 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
पशुपालन –
पं0 दीन दयाल उपाध्याय लघु डेयरी योजना के लिये 75 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
विकास खण्डों में पं0 दीन दयाल उपाध्याय पशु आरोग्य मेले के आयोजन हेतु 15 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
राष्ट्रीय पशु स्वास्थ्य तथा रोग नियंत्रण कार्यक्रम हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
प्रदेश में 770 सचल पशु चिकित्सालय संचालित किये जा रहें हैं, जिससे पशु आरोग्य व नस्ल में सुधार अपेक्षित है। इसके लिये 27 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
दुग्ध विकास –
डेयरी विकास फण्ड की स्थापना के लिये 15 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
दुग्ध मूल्य भुगतान डी0बी0टी0 प्रक्रिया के माध्यम से सीधे किसानों के खातों में भुगतान की प्रक्रिया आरम्भ।
देशी नस्ल की गायों के माध्यम से सर्वाधिक गौ दुग्ध उत्पादन करने वाले दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहित करने हेतु नई ’’नन्द बाबा पुरस्कार योजना’’ हेतु 52 लाख का प्राविधान साथ ही ’’गोकुल पुरस्कार’’ हेतु 54 लाख रुपये की व्यवस्था।
मत्स्य –
मछुआरों के कल्याण के लिये मत्स्य पालक कल्याण फण्ड की स्थापना हेतु 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ब्लू रिवोल्यूशन इन्टीग्रेटेड डेवलपमेन्ट एण्ड मैनेजमेंट फार फिशरीज योजना के अन्तर्गत 20 करोड़ रुपये की धनराशि प्रस्तावित।
ग्राम्य विकास –
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) हेतु वर्ष 2018-19 के बजट में 11 हजार 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत लगभग 01 हजार 40 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
श्यामा प्रसाद रुर्बन मिशन हेतु 214 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
वर्ष 2018-19 में राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम हेतु 01 हजार 500 करोड़ रुपये और राज्य ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के लिये 120 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
मुख्यमंत्री आवास योजना हेतु 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
पंचायती राज –
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना के लिये वर्ष 2018-19 में 5,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
मुख्यमंत्री पंचायत प्रोत्साहन योजना में उत्कृष्ट ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित करने के लिये 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
ग्रामीण क्षेत्रों में श्मशान एवं अन्य सभी मत, पंथ एवं मजहब के स्थलों के विकास हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
लघु सिंचाई –
निः शुल्क बोरिंग योजना के लिये 36 करोड़ रुपये की व्यवस्था।
औद्योगिक विकास –
औद्योगिक निवेश नीति-2012 के लिये 600 करोड़ रुपये तथा नई औद्योगिक नीति हेतु 500 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था।