यूपी पुलिस का न्यूज़ बुलेटिन, पुलिस का अथक व सराहनीय प्रयास
यूपी पुलिस का न्यूज़ बुलेटिन का यह प्रयास विश्व में किसी भी पुलिस द्वारा पहला प्रयास है! इसके ज़रिये हम आपको कुम्भ के ताज़ा समाचार दिखाते रहेंगे। उद्दघोषिका कुम्भ मेला पुलिस मित्र हैं। आज अखाड़े के सेक्टर 16 में किसी प्रकार की कोई हानि नही हुई। आग लगने का कारण टेंट में खाना बनाते समय गैस रिसाव व पुआल में आग लगने पाया गया। सूचना पाते ही 5 मिनट के अंदर दमकल विभाग की कई गाड़ियां मौके पर पहुंची और तुरन्त ही आग पर काबू पा लिया गया। पुलिस और दमकल विभाग की तात्पर्यता व सक्रियता की भूरी भूरी प्रसंशा की गई। दमकल व पुलिस विभाग के कर्मचारी ने तत्काल मौके पर पहुंच कर आग लगने वाले सिलेंडर व अंदर मौजूद साधु संतों को सुरक्षित बाहर निकाला।
कुम्भ मेला पुलिस के सुरक्षा समाचार में आपका स्वागत है ।
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इसके ज़रिये हम आपको कुम्भ के ताज़ा समाचार दिखाते रहेंगे ।
उद्दघोषिका कुम्भ मेला पुलिस मित्र हैं । #Kumbh2019 #SurakshitKumbh pic.twitter.com/YonOMXutQ8— Kumbh Mela Police UP 2025 (@kumbhMelaPolUP) January 14, 2019
पुलिसकर्मी तीर्थयात्रियों को 41 सेकेंड से ज्यादा समय के लिए नहीं लगाने देंगे डुबकी
यूपी पुलिस ने इस बार कुंभ मेले में भीड़भाड़ और अव्यवस्था से निपटने के लिए पहले से ही कई योजनाएं तैयार कर ली है। उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने रविवार को बताया कि कुंभ मेले के दौरान संगम पर तैनात पुलिसकर्मी तीर्थयात्रियों को 41 सेकेंड से ज्यादा समय के लिए डुबकी नहीं लगाने देंगे। डीजीपी ने कहा कि अगर इससे ज्यादा वक्त के लिए संगम पर लोगों को डुबकी लगाने की इजाजत दी गई तो भगदड़ होने का खतरा बढ़ सकता है। डीजीपी ओपी सिंह ने रविवार को इंडिया टुडे के लखनऊ में आयोजित हुए कार्यक्रम ‘संगम- कॉन्फ्लुएंस ऑफ माइंड’ में कुंभ मेले में सुरक्षा व्यवस्था पर विस्तार से बात की। उन्होंने बताया कि यूपी पुलिस ने कुंभ मेले को एक सुरक्षित तीर्थयात्रा बनाने के लिए काफी मेहनत की है।
- दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले कुंभ का आगाज होने वाला है।
- इस भव्य और दिव्य कुंभ मेले में करोड़ों लोग आस्था की डुबकी लगाने पहुंचेंगे।
- ऐसे में प्रशासन के सामने कुंभ मेले का आयोजन एक बड़ी चुनौती की तरह है।
ट्रैफिक की समस्या से निपटने के लिए बनाई गई 11-13 डायवर्जन स्कीम
उन्होंने बताया, ‘हम दूसरे राज्यों की पुलिस के साथ भी संपर्क में है। हर एक दिन के लिए अलग-अलग योजना तैयार की गई है। तीर्थयात्रा के लिए जरूरी हर एक चीज की तैयारी पूरी कर ली गई है। इसके अलावा 80 बटालियन पैरामिलिट्री, रैपिड ऐक्शन फोर्स, फायर सर्विस, एंटी टेरर स्क्वॉयड, नैशनल सिक्योरिटी गार्ड और एरियल स्निपर्स की भी तैनाती की गई है। पूर्व आईएएस और 2013 के कुंभ मेला अधिकारी रहे मनि प्रसाद मिश्रा ने कहा, कुंभ के लिए पूरी व्यवस्था तीन महीने पहले ही पूरी कर ली जाती है।
- इस साल के कुंभ में सबसे बड़ी चुनौती ट्रैफिक है लेकिन हमने इससे निपटने के लिए भी खास योजना बनाई है।
- डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि ट्रैफिक की समस्या से निपटने के लिए 11-13 डायवर्जन स्कीम बनाई गई हैं।
- इस साल तकनीक की अहम भूमिका रहेगी और पुलिस फोर्स एक रोल मॉडल की तरह काम करेगी।
- कुंभ में अगर भगदड़ या कोई दुर्घटना होती है तो इससे कैसे निपटा जाएगा?
- इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल इस तरह की किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।
- मेले की सुरक्षा में करीब 20,000 से 22,000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
- यह अपने आप में ही एक रिकॉर्ड है और पूरी दुनिया में अनोखा है।
14 साल से कम आयु के बच्चों को दी जाएगी आरएफ आईडी
15 जनवरी को मकर संक्रांति पर कुंभ मेले का पहला शाही स्नान होगा। इस बार कुंभ मेले में देश-विदेश से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। ऐसे में पुलिस प्रशासन ने कुंभ मेले की सुरक्षा के लिए कई खास इंतजाम किए हैं और कई योजनाएं बनाई हैं। आस्था के संगम कुंभ में लाखों की संख्या में लोग जमा होते हैं, ऐसे में वहां बच्चों के लापता होने की आशंका हमेशा बनी रहती है। तकनीक के विकसित होने से पहले ऐसे बच्चों की संख्या काफी ज्यादा होती थी, लेकिन धीरे-धीरे इसका हल निकाल लिया गया है। इस बार प्रयागराज कुंभ मेले के दौरान अपने अभिभावकों से बिछड़ने वाले बच्चों का पता लगाने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस 14 साल से कम उम्र के बच्चों को रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान पत्र (RF ID) मुहैया कराएगी।
- प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने सोमवार को एजेंसी भाषा को बताया कि कुंभ मेला 50 दिन चलेगा।
- इसमें 12 करोड़ से अधिक लोग शामिल होंगे।
- बच्चे लापता ना होने पाएं, इसके लिए 14 साल से कम आयु के बच्चों को आरएफ आईडी दी जाएगी।
बनाए गए 15 आधुनिक एकीकृत डिजिटल खोया-पाया केन्द्र
उन्होंने बताया कि वोडाफोन से सहयोग लिया गया है और वह समन्वय को राजी है। इसके लिए चालीस हजार आरएफ आईडी बनेंगी जिसका इस्तेमाल कुंभ के दौरान लापता होने वाले बच्चों को खोजने में किया जाएगा। आरएफ आईडी एक किस्म का वायरलेस संचार माध्यम है। इसमें इलेक्ट्रो मैग्नेटिक या इलेक्ट्रोस्टैटिक कफलिंग का इस्तेमाल होता है। यह किसी व्यक्ति या वस्तु की पहचान में सहायक होता है।
- डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि कुंभ मेले में 15 आधुनिक एकीकृत डिजिटल खोया-पाया केन्द्र बनाए गए हैं।
- सार्वजनिक घोषणा प्रणाली के अलावा एलईडी के जरिए सूचना के डिस्प्ले की व्यवस्था की गई है।
- डीजीपी ने बताया कि पहली बार ऑटोमैटिक नंबर प्लेट पहचान प्रणाली का इस्तेमाल किया जाएगा।
- यह वाहनों की पहचान उनके रंग, लाइसेंस प्लेट, तारीख और वक्त से करने में सक्षम होगी।
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