लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता की बैठक में मंगलवार को कैबिनेट बैठक में कई अहम मसलों पर मुहर लगाई गई. इसमें शिक्षामित्रों का मानदेय 3500 से बढ़ाकर 10 हजार रुपये करने के साथ ही नई खनन नीति के तहत सड़कों के निर्माण कार्य को तेजी से बढ़ाने पर सहमति बनी है. साथ ही, किसानों के लिए फसलों की सिंचाई को सोलर ऊर्जा की मदद से आसान करने पर चर्चा की गई है.
शिक्षामित्रों का दिल जीतने की कोशिश
- बता दें कि कैबिनेट की बैठक के बाद ऊर्जा मंत्री व राज्य सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि सरकार की शिक्षामित्रों के प्रति पूरी सहानुभूति है.
- उन्होंने कहा, सरकार सुप्रीमकोर्ट के फैसले के मद्देनजर उनके हितों को लेकर पूरी तरह संवेदनशील है.
- कहा, कैबिनेट ने शिक्षामित्रों को 10 हजार रुपये प्रतिमाह नियत मानदेय देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
- हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि एक अगस्त से प्रदेश के 1,69,157 शिक्षामित्रों को यह मानदेय मिलेगा.
- साथ ही, कैबिनेट ने शिक्षामित्रों के इस नए मानदेय को वर्ष में 11 महीने के लिए देना तय किया है.
नई खनन नीति पर चर्चा
- बैठक के बाबत उन्होंने बताया कि सरकार ने नई खनन नीति के अंतर्गत सड़कों के निर्माण कार्यों को रफ्तार देने के लिए यूपीडा व राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को तीन-तीन जिलों में खनन पट्टा देने के प्रस्ताव पर भी सहमति दे दी है.
- उन्होंने बताया कि यूपीडा पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का निर्माण करा रहा है जबकि एनएचएआई प्रदेश में तमाम राजमार्गों के विकास का काम कर रहा है.
- इस बारे में बताया गया कि यूपीडा व एनएचएआई ने सरकार से खनन पटटे का आग्रह किया था.
- ऐसे में कैबिनेट ने यूपीडा को हमीरपुर, कौशांबी व सोनभद्र में तथा एनएचएआई को बांदा, हमीरपुर व सोनभद्र में मोरंग का खनन पट्टा देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.
- इन संस्थाओं ने गिट्टी के लिए खनन पट्टा मांगा है. हालांकि, सरकार इनकी मांग का परीक्षण कर रही है.
12 जिलों हो चुके हैं टेंडर, शेष में जल्द
- उन्होंने बताया कि सरकार ने आम लोगों के लिए खनन सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है.
- 12 जिलों के टेंडर निकल चुके हैं. वहीं शेष जिलों में एक-दो दिनों में टेंडर जारी हो जाएंगे.
- एक महीने टेंडर की अवधि होती है. इसके बाद नीलामी शुरू हो जाएगी.
- उन्होंने उम्मीद जताई कि नीलामी शुरू होने के बाद खनन सामग्री की पर्याप्त उपलब्धता हो सकेगी.
किसानों के सूखते खेतों पर मेहरबानी
- यूपी कैबिनेट ने किसानों को सिंचाई के लिए सोलर पंप देने की योजना को अगले पांच साल जारी रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
- इस वर्ष 10 हजार सोलर पंप किसानों को दिए जाएंगे.
- इस बाबत बताया गया कि पिछले तीन बरसों में 10 हजार पंप किसानों को दिए गए हैं.
- योगी सरकार अकेले इसी वर्ष 10 हजार पंप देने जा रही है. इस प्रस्ताव को कैबिनेट ने स्वीकार कर लिया है.
- उन्होंने बताया कि सोलर पंप पर 45 प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार देती है जबकि 25 प्रतिशत केंद्र सरकार.
- किसानों को यह 70 प्रतिशत अनुदान मिलता रहेगा.
- उन्होंने बताया कृषि विभाग के पोर्टल पर 1.48 करोड़ किसान अपना पंजीकरण करा चुके हैं.
- इच्छुक पात्र किसान इसके लिए पोर्टल पर ही आवेदन कर सकते हैं.
- बता दें कि कैबिनेट फैसले के तहत पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर इसे मंजूरी मिलेगी.
- सरकार हर साल 10 हजार सोलर पंप किसानों को देने की योजना बना रही है.