उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को जनपद फरीदाबाद, हरियाणा में 32वें अन्तर्राष्ट्रीय सूरजकुण्ड मेले का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने सूरजकुण्ड अन्तर्राष्ट्रीय क्राफ्ट्स मेले में लगे विभिन्न स्टालों का भी अवलोकन किया। विभिन्न प्रकार की लोक कलाओं, धरोहरों एवं बहुआयामी संस्कृति को अपने आप में समेटे हुये सूरजकुण्ड मेला ग्रामीण परिवेश को पसंद करने वाले महिलाओं एवं पुरुषों के लिये एक नई सीख एवं सोच प्रदान कर रहा है। इस बार सूरजकुण्ड मेले का थीम उत्तर प्रदेश रखा गया है। इस दौरान उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा सरकार के मध्य रोडवेज बसों के आवागमन हेतु समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किए। अपने सम्बोधन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को मथुरा में आयोजित होली महोत्सव में आने का भी न्योता दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने हरियाणा सरकार का आभार प्रकट करते हुए कहा कि उन्होंने थीम स्टेट के रूप में उत्तर प्रदेश को भागीदार बनाया। उन्होंने कहा कि मेलों के आयोजन हमारी संस्कृति, सामाजिक एवं धार्मिक आस्था तथा समानता को मजबूती प्रदान करने के लिये होते हैं। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सराहना करते हुये कहा कि उनके नेतृत्व में मेले को भव्यता प्रदान हुयी है। इस मेले को 2 दिन और आगे बढ़ाना एक राज्य के लिये बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि मेले में प्रदेश के पयर्टक स्थलों मथुरा, वृन्दावन, प्रयागराज, काशी के घाटों तथा अयोध्या को द्वार पर कलाकृतियों के माध्यम से बडे़ ही मनमोहक ढंग से प्रदर्शित किया गया है।
योगी जी ने प्रदेश में लागू ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ योजना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुये बताया कि चाहे फिरोजाबाद के काँच का सामान हो, भदोही की कालीन एवं जरदोजी हो, अलीगढ़ के ताले हों, पीलीभीत की बांसुरी हो या फिर मेरठ के खेल का सामान। अपने-अपने क्षेत्र में विशिष्ट पहचान रखते हैं, जिसे हमने इस मेले के माध्यम से प्रदर्शित करने का मौका दिया है। उन्होंने कहा कि मेलों के माध्यम से हम सभी अपनी कला, सांस्कृतिक विरासत, परम्परागत उत्पाद और रोजगार द्वारा ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की परिकल्पना को साकार कर सकते हैं।
इससे पूर्व, दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों की उपस्थिति में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्रियों के साथ विभिन्न मार्गों पर बसों के संचालन हेतु एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित किए गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने उल्लेख किया कि यह समझौता लम्बे अरसे से लम्बित था। वर्तमान राज्य सरकार के गठन के उपरान्त हमने विभिन्न राज्यों के साथ बसों के संचालन हेतु समझौते किए हैं। हरियाणा हमारा सीमावर्ती राज्य है, जिससे सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक एवं पारम्परिक गतिविधियां भी प्रभावित होती हैं। इन बसों के संचालन से जहां यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में सुगमता होगी, वहीं क्षेत्र के विकास में भी वृद्धि होना स्वाभाविक है। उन्होंने बताया कि एम0ओ0यू0 के तहत हरियाणा सरकार की 423 बसें यूपी में लगभग 60,000 किमी0 तथा यूपी सरकार की 522 बसें हरियाणा के 50,000 किमी0 क्षेत्र में संचालित होंगी।
एक राज्य से दूसरे राज्य में परिवहन निगम की बसों के संचालन के बारे में उन्होंने कहा कि इस देश का कोई भी नागरिक ऐसा नहीं होगा, जो अयोध्या में भगवान श्रीराम के दर्शन न करना चाहता हो, मथुरा वृन्दावन में जाकर भगवान श्री कृष्ण के दर्शन के साथ बरसाना की होली का आनन्द न लेना चाहता हो, काशी के घाटों का दृश्यावलोकन एवं गंगा आरती में सम्मिलित न होना चाहता हो। इसके साथ ही, देश के किसी भी कोने में आये विदेशी पयर्टक आगरा का ताजमहल न देखना चाहता हो। जन-भावनाओं व आकांक्षाओं को समझते हुये आम नागरिकों के साथ देशी-विदेशी पयर्टकों की आवागमन की सुविधाओं सरल एवं सुलभ बनाने के लिए अन्तर्राज्यीय परिवहन व्यवस्था को लागू कर उत्तराखण्ड, जम्मू और कश्मीर, राजस्थान में समझौता-ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। योगी जी ने बताया कि उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा प्रदेश के मध्य हुये समझौता ज्ञापन के तहत विभिन्न मार्गों पर यात्रा सुगम और सरल बनेगी। उन्होंने कहा कि जिस कार्य को पिछली सरकारों ने लम्बित रखा वह आज पूरा हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा मेले भारतीय लोक परम्पराओं और सांस्कृतिक विरासतों को आगे बढ़ाते हैं। सूरजकुण्ड मेला दुनिया भर में हस्तशिल्पियों के लिये एक महत्वपूर्ण स्थान है, जहां हस्तशिल्पियों के उत्कृष्ट नमूने देखने को मिलते हैं। उत्तर प्रदेश प्राचीन काल से ही आध्यात्मिक दृष्टि से सबल एवं समृद्ध प्रदेश रहा है। मेले में उत्तर प्रदेश थीम के माध्यम से सूरजकुण्ड मेला परिसर में इस बार वाराणसी के विभिन्न घाटों यथा तुलसी घाट, मर्णिकर्णिका घाट, हरिश्चन्द्र घाट, गंगा महल घाट, अस्सी घाट एवं संगम घाट का मनमोहक सजीव चित्रण दर्शकों को अवश्य ही अपनी ओर आकर्षित करेगा।
प्रत्येक वर्ष फरवरी माह में लगने वाले सूरजकुण्ड मेले में इस वर्ष जहां एक ओर मेले के मुख्य चैपाल को रामायण थीम पर तैयार किया गया है, वहीं दूसरी ओर अयोध्या में आयोजित दीपावली पर्व परिदृश्य का भी सजीव चित्रण किया गया है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम जी के पुष्पक विमान द्वारा अयोध्या पहुंचने का चित्र बरबस बीते हुये कल की याद दिला रहा है, जिससे स्थानीय दर्शक एवं पयर्टक अपनी निगाहें नहीं हटा पा रहे हैं। मेला परिसर में बने चैपाल में रामसेतु एवं अयोध्या नगरी की भव्यता से परिचित कराने के लिये कारीगरों द्वारा भरपूर सार्थक कोशिश की गयी है। मेले में छः द्वार क्रमशः वन्य द्वार पर प्रदेश के वन्य द्वार, अयोध्या द्वार, बृज द्वार, अवध द्वार, बुद्ध द्वार, कुम्भ द्वार और बुन्देलखण्ड द्वार तैयार किए गए हैं, जो हरियाणवी धरती पर अपनी सांस्कृतिक एवं पुरातात्विक भव्यता से पूरे प्रदेश का चित्रण कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि मेले चाहे अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हों या फिर स्थानीय लोक परिवेश पर आधारित हों, दिलों को जोड़ने का काम करते हैं। मेलों के माध्यम से हम उस क्षेत्र, प्रदेश एवं देश की परम्परा, संस्कृति एवं विभिन्न प्रकार की धरोहरों को जानने समझने की रूचि जागृत होती है। पयर्टन, कपड़ा, संस्कृति एवं विदेश मामले मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किए जाने वाला यह मेला हस्तशिल्प, हथकरघा की विविधता एवं समृद्धि को विश्वस्तर पर प्रदर्शित करता है। इसके साथ ही, राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध लोक कलाकारों और सांस्कृतिक समूह मेला परिसर में स्थित चैपाल व खुले में संचालित थिएटर में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर पयर्टकों का स्वस्थ्य मनोरंजन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बार 28 देशों के हस्तशिल्पी और लोक कलाकार मेले में प्रतिभाग कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार कुम्भ मेले में 15 हजार करोड़ श्रद्धालु आएंगे, जिनके लिए उत्कृष्ट स्तर की व्यवस्थाएं की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण भारत देश की धरती महापुरुषों की धरती रही है। भगवान श्रीकृष्ण ने जहां उत्तर प्रदेश के जनपद मथुरा की धरती पर जन्म लिया, वहीं गीता का अमर संदेश कुरूक्षेत्र की भूमि से दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने गुड़गांव को गुरूग्राम का नया नाम देकर विकास के नए आयाम को स्थापित किया है।
मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि 32 वें अन्तर्राष्ट्रीय क्राफ्ट्स महोत्सव प्रतिवर्ष बडे़ ही धूमधाम से देशों एवं प्रदेशों की भागीदारी से आयोजित किया जाता है। हमारा देश विभिन्न प्रकार की लोक कलाओं और शिल्पियों का संगम स्थान है। सूरजकुण्ड मेला हमारी प्राचीन संस्कृति को प्रगाढ़ बनाए रखने में अहम भूमिका रखता है। इस बार भी लगभग 1000 से अधिक कलाकार एवं बुनकर अपनी कलाकृतियों के माध्यम से अपना प्रदर्शन कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश हमारे देश का सबसे बड़ा राज्य है, जहां की संस्कृति देश व दुनिया में अपना अलग ही रंग बिखेरती है। मेले में स्थापित सभी पण्डाल अपने-अपने प्रदेश की छटा के अलग-अलग आकर्षण का केन्द्र हैं। उन्होंने कहा कि आज हरियाणा की धरती पर उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा के मध्य जो समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए हैं। वह प्रदेशीय सम्बन्धों में नया अयाम स्थापित करेगा।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की पयर्टन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी, संस्कृति मंत्री लक्ष्मी नारायण चैधरी, परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वतंत्र देव सिंह, हरियाणा सरकार के पयर्टन मंत्री राम बिलास शर्मा सहित हरियाणा सरकार के मंत्रिगण, विभिन्न देशों के दूतावासों के राजनयिक एवं दोनों सरकारों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।