उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में भीड़ द्वारा सिपाही सुरेश प्रताप वत्स की पीट-पीटकर हत्या कर देने के मामले में अब तक करीब 19 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मामले पर ट्वीट करते हुए यूपी डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने ये जानकारी दी। उन्होंने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि ये बेहद दर्दनाक है। इस मामले में जो भी जिम्मेदार हैं। उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी। आपको बता दें कि शनिवार को गाजीपुर के कठवामोड़ के पास प्रदर्शन के दौरान निषाद पार्टी के नेता को हिरासत में लेने पर भड़के लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इस दौरान करीमुद्दीनपुर थाने में तैनात सिपाही सुरेश प्रताप वत्स को पीटकर मार डाला। वहीं, एडीजी वाराणसी जोन, पीवी राम शास्त्री ने बताया कि मामले में 32 लोग नामजद किए गए हैं। 70-80 अन्य लोगों का एफआईआर में जिक्र किया गया है।
गौरतलब है कि आरक्षण की मांग को लेकर जिले भर के निषाद पार्टी के कार्यकर्ता जिला मुख्यालय पर धरना देने आ रहे थे। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम को देखते हुए उन्हें पुलिसकर्मियों ने जगह-जगह रोक दिया। इससे नाराज कार्यकर्ता सैदपुर, करंडा थाना क्षेत्र के भटौली व नोनहरा थाना क्षेत्र के कठवामोड़ मंगई नदी के पुल पर धरने पर बैठ गए। तीसरे पहर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा समाप्त हुई और कार्यक्रम में आए लोग लौटने लगे तो कठवामोड़ के पास निषाद पार्टी के र्कायर्कताओं गाजीपुर-मुहम्मदाबाद मार्ग पर जाम लगा दिए।
पुलिस विभाग द्वारा जाम खुलवाने के लिए ड्यूटी से थाने लौट रहे करीमुद्दीनपुर थानाध्यक्ष को निर्देश दिया गया। वे पुलिसकर्मियों संग जाम स्थल पर पहुंचे और कार्यकर्ताओं को समझाने लगे। उसी दौरान कार्यकर्ता उग्र हो गए और पथराव करने लगे जिससे भगदड़ मच गई। कार्यकर्ताओं को हटाने गए करीमुद्दीनपुर थाने में तैनात हेड कांस्टेबल सुरेश प्रताप वत्स (48) को शनिवार की शाम पीटकर मार डाला गया। सिर में गंभीर चोट लगने के कारण वे मौके पर ही बेहोश हो गए। पुलिसकर्मियों ने हमलावरों को खदेड़कर सुरेश प्रताप को छुड़ाया। लहूलुहान हाल में लेकर जिला अस्पताल आए, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। डीएम व एसपी मौके पर पहुंचे तो आरोपित भाग निकले।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मारे गए सिपाही के परिवार को 50 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। इसमें मृतक की पत्नी को 40 लाख रुपये, 10 लाख रुपये उनके माता-पिता को दिए जायेंगे। जबकि मृतक सिपाही की पत्नी को असाधारण पेंशन और एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। बता दें कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से लौट रहे भाजपा नेताओं के वाहनों पर शुरू में निषाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ईंट-पत्थर फेंका। इससे दोनों पक्षों में कई बार जमकर तकरार भी हुई। किसी को क्या पता था कि ये इतने उग्र हैं कि सुरक्षा में लगे सिपाही को ही मौत के घाट उतार देंगे।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]शहीद सिपाही के बेटे ने कहा कि मुआवजे का क्या करें, सरकार तो हाथ पर हाथ धरे बैठी है[/penci_blockquote]
गाजीपुर में डॉक्टर्स की टीम सुबह दस बजे तक पोस्टमार्टम करने भी नहीं पहुंची थी। शहीद सुरेश प्रताप वत्स के पुत्र वहां पर ताला लटका देख बेहद दुखी थे। शहीद सुरेश प्रताप वत्स के पुत्र ने अपने पिता की हत्या के मामले में कहा कि जब प्रदेश में पुलिस ‘अपनों’ की हर रक्षा नहीं कर पा रही है तो फिर जनता की सुरक्षा कैसे करेगी। अक्सर ही प्रदेश में भीड़ बेहद अराजक हो जा रही है। पुलिस को कोई स्पष्ट निर्देश ही नहीं मिलता। उनके पुत्र वीपी सिंह ने कहा कि हम इस आर्थिक सहायता का क्या करेंगे। सरकार कितने परिवार को आर्थिक सहायता देगी। उन्होंने कहा कि बुलंदशहर में इंस्पेक्टर की हत्या से पहले प्रतापगढ़ में भी एक पुलिसकर्मी की हत्या कर दी गई। सरकार अभी तक हाथ पर हाथ धरे बैठी है। पिता की मौत के बाद बेटे वीपी सिंह ने योगी सरकार पर पुलिसवालों की सुरक्षा न करने का आरोप लगाया। उसने कहा कि पुलिस अपनी सुरक्षा नहीं कर पा रही है। हम उनसे क्या उम्मीद कर सकते हैं। अब हम मुआवजे के साथ क्या करेंगे।
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