उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के चुनावी दंगल में कूदने के लिए सभी पार्टियों ने तैयारी कर ली है। बस अब टिकट बांट कर इस बात का फैसला किया जा रहा है कि कौन कहाँ से इस चुनावी अखाड़े में कूदेगा। लेकिन युपी में सत्तासीन समाजवादी पार्टी टिकट बंटवारे और सियासी वर्चस्व को लेकर दो धड़ों में बंट गयी है। जिसके एक तरफ हैं यूपी सीएम अखिलेश तो दूसरी तरफ हैं चाचा शिवपाल। लेकिन इस झगडे का असर भदोही जिले की राजनीति पर साफ दिख रहा है। जहाँ सीएम के करीबी विधायक जाहिद बेग और मधुबाला का पत्ता साफ होगया है। जिसके चलते मुलायम और शिवपाल के बेहद करीबी माने जाने वाले ज्ञानपुर के विधायक विजय मिश्र का राजनीतिक जलवा कायम है।
सपा में चल रही पारिवारिक लड़ाई का लाभ उठा सकती भाजपा और बसपा
- सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की तरफ से बुधवार को 325 उम्मीदवारों की सूची जारी की गई थी।
- जिसमे भदोही जिले की दो विधानसभाओं से सीटिंग विधायकों का पत्ता साफ हो गया है।
- बता दें की सीएम के करीबी विधायक जाहिद बेग और मधुबाला का पत्ता साफ किया गया है।
- जिसके बाद भदोही में मुलायम और शिवपाल के बेहद करीबी माने जाने वाले ज्ञानपुर के विधायक विजय मिश्र का राजनीतिक जलवा कायम है।
- हलांकि अभी 78 की लिस्ट जारी होनी बाकि है ऐसे में कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
- लेकिन यह तय माना जा रहा है कि परिवारवाद की इस लड़ाई से प्रदेश में समाजवादी पार्टी बेहद कमजोर होगी।
- जिसका साफ असर जिले की राजनीति पर को मिल सकता है।
- ऐसे में इस लड़ाई का लाभ भाजपा और बसपा को मिल सकता है।
- फिलहाल मुलायम की सूची ने कार्यर्ताओं के बीच नहीं बहस छेड़ दी है।
- लोगों के बीच चर्चा है कि जब भदोही की तीनों विधानसभा सीटों पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है।
- उस स्थिति में केवल ज्ञानपुर विधानसभा की सूची ही क्यों जारी की गयी।
- बता दें कि मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश की तरफ से सौंपी गयी 403 उम्मीदवारों की सूची से अखिलेश के करीबियों का नाम साफ कर दिया।
- जबकि शिवपाल और मुलायम के चहेतों को टिकट बांट दिया गया।
- ऐसे में स्थिति जो भी हो लेकिन जिले की समाजवादी राजनीति में घमासान मच गया है।
- जिसका नतीजा आने वक़्त में देखने को मिल सकता है ।
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