अमेठी में नामांकन फाइल के कालम में बीजेपी और कांग्रेस उम्मीदवार द्वारा पति डा. संजय सिंह के नाम डालने पर उबरे विवाद का आखिर पटाक्षेप हो गया है. इस मुद्दे पर बीजेपी उम्मीदवार गरिमा सिंह को एतराज था जिसको लेकर उनके अधिवक्ता ने आज आपत्ति दाखिल किया था. देर शाम आए फैसले के बाद जहां बीजेपी उम्मीदवार गरिमा सिंह को बड़ा झटका लगा वहीं कानूनी रूप से ये भी तय हो गया कि अमेठी का चुनाव रानी v/s रानी के मध्य होगा.
राजघराने से दो रानियां चुनावी मैदान में-
- इस बार अमेठी के इतिहास में पहली बार राजघराने से दो रानियां मैदान में हैं.
- इसको लेकर जिले सहित समूचे देश और प्रदेश की इस सीट पर नज़र.
- एक को बीजेपी तो दूसरे को कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है.
- मज़े की बात ये है कि नामिनेशन फाइल करने में दोनों ही रानियों ने पति के कालम में कांग्रेस नेता डा. संजय सिंह का नाम लिखा रखा है.
- इस बात पर बीजेपी उम्मीदवार गरिमा सिंह को कांग्रेस उम्मीदवार डा. अमीता सिंह द्वारा पति के नाम के कालम में संजय सिंह का नाम लिखे जानें पर आपत्ति हुई.
बीजेपी उम्मीदवार के वकील ने दिया हिंदू ला का हवाला-
- शुक्रवार को हाईकोर्ट के अधिवक्ता एस डी कौटिलय ने बीजेपी उम्मीदवार गरिमा सिंह की ओर से वकालत करते हुए जिला निर्वाचन आयोग के समक्ष कांग्रेस उम्मीदवार अमीता सिंह को लेकर आपत्ति फाइल किया.
- अधिवक्ता एस डी कौटिलय ने अपना तर्क रखते हुए कहा कि हिंदू ला मे एक पत्नी के रहते दूसरी शादी वैध नही हो सकती है.
- जिस पर जिला निर्वाचन आयोग ने अमीता सिंह के वकील को अपना पक्ष रखने का कुछ घंटों का वक़्त दिया.
अमीता सिंह हैं संजय सिंह की पत्नी
- वहीं जिला निर्वाचन आयोग द्वारा कांग्रेस उम्मीदवार अमीता सिंह से मामले से जुड़े मुद्दों पर अपना पक्ष रखने को कहा गया.
- जिस पर अपना पक्ष रखते हुए रानी अमीता सिंह के वकील ने कहा कि डा. संजय सिंह गरिमा सिंह को तलाक दे चुके हैं और अब अमीता सिंह ही उनकी पत्नी है.
- इससे जुड़े दस्तावेज भी उन्होंने आयोग के समक्ष पेश किये.
एसडीएम ने सुनाया फैसला
- ऐसे में देर शाम अमेठी के एसडीएम अशोक कुमार कनौजिया ने ये कहते हुए दोनों का नामांकन वैध किया और कहा कि ये मामला उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर.
- साथ ही एसडीएम ने आरपी एक्ट 1951की धारा 36 का तर्क भी दिया.