चुनाव के दौरान इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन(ईवीएम) को लेकर कई बार शिकायते सामने आ चुकी है। इन शिकायतों में कहा गया कि ईवीएम द्वारा विशेष प्रत्याशी को ही वोट जाता है। हालांकि इन सब बातों को अफवाह बताया गया। लेकिन इन संभावनाओं के बीच चुनाव आयोग ने एक नई योजना बनाईं है। अब इस भ्रम को दूर करने के लिए वोटर्स वेरीफिकेशन पेपर आडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीन का प्रयोग होगा।
क्या है वीवीपैट
- वीवीपैट मशीन इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के साथ जुड़ी रहेगी।
- इसके जरिये मतदाता को अपने मत के सही प्रत्याशी को जाने का प्रमाण मिल जाएगा।
- मतदाता ईवीएम पर उंगली दबाकर वोट डालेगा और वीवीपैट मशीन से निकलने वाली सत्यापन पर्ची इसे स्पष्ट कर देगी।
- इस पर्ची को कुछ देर के लिए वीवीपैट की स्क्रीन पर देखा जा सकेगा।
- इस पर प्रत्याशी का चिह्न और नंबर अंकित होगा।
यहां से होगी शुरूआत
- इसकी शुरूआत गोरखपुर शहर विधान सभा क्षेत्र से होगी।
- जहां वीवीपैट (वोटर्स वेरीफिकेशन पेपर आडिट ट्रेल) मशीन का प्रयोग होगा।
- भारत निर्वाचन आयोग ने शहर क्षेत्र में वीवीपैट के प्रयोग करने पर मुहर लगा दी है।
मतदान के लिए वैध दस्तावेज
- भारत निर्वाचन आयोग के मुताबिक मतदान के लिए पहचान पत्र का प्रयोग जरूरी होगा।
- लेकिन किसी करण मतदाता पहचान पत्र न हो तो वह इन प्रमाण पत्रों का पहचान के रूप में इस्तेमाल कर सकता हैं।
- पासपोर्ट,
- ड्राइविंग लाइसेंस
- आधार कार्ड
- राज्य, केंद्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, पब्लिक लि. कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र,
- बैंक, डाकघर का फोटोयुक्त पासबुक
- निर्वाचन तंत्र द्वारा जारी प्रमाणिक फोटो मतदाता पर्ची
- पैन कार्ड, आरजीआई व एनपीआर द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड,
- मनरेगा जाब कार्ड,
- फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज,
- सांसद, विधायकों को जारी सरकारी पहचान पत्र।
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