[nextpage title=”28 लाख में कैसे होगा चुनाव प्रचार , जमकर होगा काले धन का प्रयोग ” ]
देश के पांच राज्यों उत्तर प्रदेश , उत्तराखंड , पंजाब , मणिपुर और गोवा में आगामी विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है। कल निर्वाचन आयोग ने आगामी चुनाव कार्यक्रम और सम्बंधित तिथियों की भी घोषणा कर दी है। बता दें कि यूपी की 403 सीटों पर सात चरणों में मतदान होना है। गौरतलब हो की निर्वाचन आयोग के नियमानुसार इस चुनाव को लड़ने के लिए कैंडिडेट्स को 28 लाख रूपए की अधिकतम राशि खर्च करने की ही इजाज़त है। लेकिन अगर खर्च के सिर्फ मोटे मोटे आकड़ों को देखा जाए तो भी 28 लाख रूपए की ये सीमा कम ही मालूम पड़ती है। जिसके बाद ये कहना गलत नही होगा की इस चुनाव को काले धन का इस्तेमाल के बिना लड़ना इन कैंडिडेट्स के लिए संभव नही होगा।
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आकड़ों से समझिये पूरा मामला
- उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव की तिथियां घोषित हो गई हैं।
- बता दें कि यूपी की 403 सीटों पर सात चरणों में मतदान होना है।
- जिसमे पहले चरण का मतदान 11 फ़रवरी से शुरू हो रहा है।
- इस चुनाव को लड़ने के लिए उम्मीदवार अधिकतम 28 लाख रूपए का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- लेकिन सवाल ये उठता हैं की क्या ये रकम इस चुनाव को लड़ने के लिए पोरी साबित होगी।
- बात करते हैं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की।
- लखनऊ में विधानसभा चुनाव की 9 सीटों के लिए चुनाव लड़ा जायेगा।
- जिनमें मलीहाबाद , बक्शी का तलब , सरोजनी नगर , लखनऊ ईस्ट , लखनऊ वेस्ट , लखनऊ नार्थ , लखनऊ सेन्ट्रल , लखनऊ कैंट और मोहनलाल गंज विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं।
- अगर हम लखनऊ का कुछ क्षेत्रफल की बात करें तो ये 2,528 वर्ग किमी है।
- हम इसे 9 हिस्सों में बाँटें तो एक हिस्से में करीब 281 वर्ग किमी क्षेत्रफल आता है।
- अब अगर हम इसमें फ़ुलसाइज़ का बैनर लगते हैं तो भी करीब 100 से 150 बैनरों की आवश्यकता पड़ेगी।
- इसके साथ प्रति वर्ग किमी पोस्टर लगते हैं तो कम से कम 5-7 पोस्टर लगाये जायेंगे।
- यही नही इन चीजों को लगाने के लिए लोगों की आवश्यकता होगी जो की पुरे लखनऊ में इन चीजों को ले जा कर लगायेंगे।
- गौरतलब हो की एक फ़ुलसाइज़ बैनर डिजाईन करने उसे प्रिंट करने और पूरा फ्रेम तैयार करने में करीब 10 से 12 हज़ार रूपए का खर्च आता है।
- यानी 150 फ़ुलसाइज़ बैनर बनवाने में ही करीब 15-18 लाख रूपए तक का खर्च आएगा।
- अब अगर पोस्टर्स की बात करें तो एक पोस्टर डिजाईन करने और फिर उसे छपवाने में करीब 150 से 200 रूपए का खर्च आता है।
- इस हिसाब से कुल पोस्टर लगाने की कीमत करीब 4 लाख रूपए तक आती है।
- यानी सिर्फ बैनर और पोस्टर बनवाने का खर्च ही 22 लाख रूपए तक पहुँच रहा है।
- अब इन बैनर और पोस्टरों को लगवाने ,कार्यकर्ताओं के गाड़ियों घूम घूम कर प्रचार करने , उम्मीदवारों को जनता के बीच जाकर सभाएं करने के लिए मंच आदि की व्यवस्था करने का कुल आकलन किया जाए।
- तो ये राशि 28 लाख रूपए से कही ज्यादा पहुँच रही है।
- जिसके देख कर कहा जा सकता है की चुनाव 2017 में काले धन का इस्तेमाल होना तय है।
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