केंद्र की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी सरकारी विभागों का नए सिरे से पुनर्गठन किया जाएगा. सरकार ने नीति आयोग की राय के मुताबिक प्रस्ताव तैयार करने के बाद सभी विभागों से इस पर अपनी राय मांगी है. इसके बाद उत्तर प्रदेश में विभागों की संख्या 94 की जगह मात्र 37 रह जाएगी. उत्तर प्रदेश की सरकार कर्मचारियों और अधिकारियों के बेहतर तरीके से समायोजन के लिए इस प्रस्ताव को लेकर आई है. पुनर्गठन का उद्देश्य अप्रासंगिक हो चुके विभागों को दूसरे में मिलाकर नया ढांचा तैयार करना है.

अब 94 नहीं 37 विभागों का ही होगा अस्तित्व:

मौजूदा 94 विभागों में नागरिक उड्डयन, सूचना, आबकारी, सतर्कता, सार्वजनिक उद्यम, निर्वाचन, न्याय, खाद एवं रसद, लोक सेवा प्रबंधन, मुख्यमंत्री कार्यालय, बांट एवं माप, आईटीआई इलेक्ट्रॉनिक्स ही पूरी तरह बरकरार रहेंगे. इसके अतिरिक्त अन्य विभागों का दूसरे विभागों के साथ विलय कर दिया जाएगा. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार कई विभागों की उपयोगिता अब रह नहीं गई है. जिले के कलेक्टर विभागों के अधिकारी से अपनी सुविधा के हिसाब से काम लेते हैं. दूसरी तरफ साइबर क्राइम सहित तमाम तरह की चुनौतियां व आवश्यकताएं भी सामने आती रहती हैं. लिहाजा इस बदलाव की जरूरत सरकार महसूस कर रही है. वही यह भी माना जा रहा है कि नहीं ढांचे का सियासी समीकरण पर भी असर पड़ेगा. पुनर्गठित स्वरुप वाले विभागों का आकार बड़ा होगा. जिनसे विभागों की जिम्मेदारी वर्तमान की अपेक्षा काफी बढ़ जाएगी. यही नहीं इसका असर मंत्रिमंडल के स्वरूप पर भी पड़ेगा. जानकारों का कहना है कि काम के बंटवारे की नियमावली भी बदलेगी. मौजूदा व्यवस्था में ज्यादातर विभाग मंत्री और प्रमुख सचिव तक सीमित हैं. राज्य मंत्री और अन्य अधिकारियों के अधिकार बहुत सीमित हैं जिससे उनकी जवाबदेही तय नहीं हो पाती है. लेकिन इस व्यवस्था के लागू होने के बाद उनकी जवाबदेही भी तय होगी और उनके काम का दायरा भी बढ़ेगा
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ऐसा है प्रस्तावित ढांचा 

प्रस्तावित ढांचा इस प्रकार है.

सिंचाई एवं जल संसाधन:

  • इसके अंतर्गत लघु सिंचाई एवं भूगर्भ जल, सिंचाई, जल संसाधन, राजकीय, लघु सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण, क्षेत्र विकास, आई डब्ल्यू एम पी,

वन एवं पर्यावरण:

  • इसके अंतर्गत जल परिवर्तन में वन एवं वन्य जीव पर्यावरण शामिल होंगे.

ग्रामीण विकास:

  • इसमें मनरेगा, एन आर एल एम. इंदिरा आवास, पीएमजीएसवाई, अंबेडकर विशेष रोजगार,सामुदायिक विकास. विधायक निधि, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम,श्यामा प्रसाद मुखर्जी अर्बन मिशन, ग्रामीण पेयजल, पंचायती राज स्वच्छता एवं समग्र ग्राम विकास.

  • शिक्षा एवं खेलकूद:

  • इसमें बेसिक और माध्यमिक शिक्षा के अलावा खेल कूद युवा कल्याण और भाषा

व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास

  • जबकि व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास में प्राविधिक शिक्षा, उच्च शिक्षा ,व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य

  • चिकित्सा एवं स्वास्थ्य में परिवार कल्याण, खाद्य एवं औषधि प्रशासन, बाल विकास एवं पुष्टाहार के साथ चिकित्सा स्वास्थ्य 
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