गन्ना बकाया मूल्य का भुगतान न होने पर फजीहत से बचने के लिए सरकार ने मानसून सत्र आरम्भ होने के दो दिन पूर्न चीनी मिल मालिकों पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। गन्ना आयुक्त विपिन कुमार द्विवेदी ने बताया कि मोदी समूह के मालिक उमेश मोदी, सिंभावली समूह की मालिक सिमरन कौर मान और गुरूपाल सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी गई है। राणा समूह के मालिक राणा इंदर प्रतार सिंह एवं राणा करन प्रताप सिंह, मवाना समूह के मालिक सिद्धार्थ श्रीराम के विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 में संबंधित पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करायी गई है और तत्काल गिरफ्तारी के आदेश दिये हैं।
- यूपी के गन्ना आयुक्त द्विवेदी के मुताबिक छापे डालने के बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
- गन्ना आयुक्त ने बताया कि नौ बड़े बकायेदार मिलों के विरूद्ध आरसी भी जारी कर दी गयी है।
- जिनमें से आठ मालिकों की चीनी मिलें भी हैं।
- आरसी संबंधित जिलाधिकारियों को जारी करते हुए तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं।
- द्विवेदी ने बताया कि जालाधिकारियों को कहा गया है कि बकाया गन्ना मूल्य की वसूली करके किसानों को भुगतान कराने में तत्परता बरती जाए।
- आरसी जारी होने के बाद जिला प्रशासन इन मिलों की चीनी, शीरा, बगास व अन्य चल व अचल संपत्ति कुर्क कर नीलाम कर सकेगा।
- जिससे किसानों का बकाया भुगतान कराने में मदद मिलेगी और मिलों को बकाया मूल्य के साथ देरी की अवधि का ब्याज और संग्रह व्यय के रूप में 10 प्रतिशत अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा।
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2117 करोड़ बकायाः
- गन्ना पेराई सत्र 2015-16 में चीनी मिलों पर किसानों का 2117 करोड़ रूपये बकाया है।
- सूत्रों के मुताबिक इस सत्र में मिलों ने करीब 18,003 करोड़ रूपये का गन्ना खरीदा था।
- जिसमें से 15,886 करोड़ रूपये का भुगतान हो चुका है, जो कुल राशि का 88 प्रतिशत है।
9 बड़े बकायेदारः
- किसानों का जिन 9 चीनी मिलों पर सर्वाधिक गन्ना मूल्य बकाया है।
- उसमें मोदीनगर, ऊन, मलकपुर, मवाना और तितावी के नाम प्रमुख रूप से शामिल हैं।
- इसके साथ ही बृजनाथपुर, चिलवारिया, बिलारी एवं बहेड़ी मिलें भी इस कतार में शामिल हैं।
- केवल इन 9 मिलों पर ही 1,035 करोड़ रूपये का बकाया शेष है।
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