उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने राज्य सरकार के अनुरोध पर विधान परिषद सदस्य नामित करने की पत्रावली वापस भेज दी है। राज्यपाल ने अपेक्षा की है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के आश्वासन के अनुसार नये नामों की संस्तुति के साथ पत्रावली शीघ्र ही भेजी जाये। राज्यपाल ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि उनके और मुख्यमंत्री के बीच सम्पन्न कई बैठकों में चर्चा हुई थी और मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया था कि वह नये नामों का प्रस्ताव भेजेंगे, किन्तु अभी नये नाम की सूची राजभवन को प्राप्त नहीं हुई है।
राज्यपाल नाईक ने पाँच नामों की पत्रावली वापस करते हुए कहा है कि इनमें से कई व्यक्तियों के विरुद्ध अपराधिक मामले हैं तथा वे संविधान के अनुच्छेद 171(5) के अन्तर्गत उल्लिखित कुल 05 क्षेत्रों साहित्य, विज्ञान, कला, सहकारी आन्दोलन तथा समाज सेवा में से किसी भी क्षेत्र में विशेष ज्ञान अथवा व्यावहारिक अनुभव नहीं रखते हैं जिस कारण उन्हें विधान परिषद का सदस्य नामित नहीं किया जा सकता है।
इन नामों पर राज्यपाल को सहमत नहीं कर सकें मुख्यमंत्रीः
(1) डॉ. कमलेश कुमार पाठक
(2) श्री संजय सेठ
(3) श्री रणविजय सिंह
(4) अब्दुल सरफराज खाँ
(5) डॉ. राजपाल कश्यप
उल्लेखनीय है कि माह मई, 2015 में मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव द्वारा विधान परिषद का सदस्य नामित किये जाने के लिए कुल 09 नामों की संस्तुतियॉ राज्यपाल से की गयी थीं जिनमें से चार नामों पर राज्यपाल ने 02 जुलाई 2015 को अनुमोदन प्रदान था।