बुन्देलखण्ड के 50 गांवों में लगेंगे सौर ऊर्जा से चलने वाले “वॉटर संयत्र”!
Rupesh Rawat
बुन्देलखण्ड में पीने के पानी की कमी की समस्या सरकार के लिए चिंता का विषय है। बुन्देलखण्ड सूखे के हालातों पर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच नूरा कुश्ती का खेल चल रह है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पेयजल समस्या के समाधान के लिए समाजवादी साइकिल पेयजल योजना के अन्तर्गत सौर ऊर्जा एवं यांत्रिक ऊर्जा से संचालित संयंत्र स्थापित किये जाने के निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश लखनऊ के सरोजनी नगर विकास खण्ड के ग्राम कुरौनी में राज्य सरकार द्वारा स्थापित सोलर साइकिल पेयजल संयंत्र की उपयोगिता को देखते हुए मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव सिंचाई को 50 गांवों में तत्काल ऐसे संयंत्र स्थापित करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि पहले चरण में पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर 50 गांवों में ऐसे संयंत्र स्थापित किए जाएं। इस संयंत्र के संचालन हेतु विद्युत ऊर्जा की आवश्यकता नहीं होती है।
बताया जा रहा है कि यह संयंत्र सौर ऊर्जा से संचालित होता है और साथ ही, सौर ऊर्जा न होने पर सूर्यास्त के बाद इस पम्प को साइकिल पैडल से पैडलिंग करके चलाया जा सकता है। तथा संयंत्र में लगे अल्ट्रा फाइन फाइबर फिल्टर एवं क्लोरीनेटर के माध्यम से शुद्ध पेयजल प्राप्त होता रहता है।
मालूम हो कि राजधानी लखनऊ जनपद के कुरौनी ग्राम में स्थापित किए गए इस संयंत्र से चैबीस घण्टे में लगभग 20 हजार लीटर शुद्ध पेयजल ग्रामवासियों को उपलब्ध हो रहा है।