उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के नौ महीनों के भीतर निवेश के लिए उपयुक्त वातावरण बना है। यही वजह है कि विदेशों की प्रतिष्ठित कम्पनियां प्रदेश में बड़ी मात्रा में निवेश करने को इच्छुक हुई हैं। भाजपा सरकार के अभी तक के कार्यकाल में विश्व की बड़ी कंपनियों के नौ हजार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं। इन निवेश के जमीन पर उतरते ही 54 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
उद्योगपतियों ने यूपी को लिया हाथोंहाथ
- प्रदेश प्रवक्ता डाॅ. चन्द्रमोहन ने प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्ता संभालते ही निवेश के लिए उपयुक्त महौल बनाना शुरू कर दिया था।
- उन्हीं की देखरेख में बनी प्रदेश की नई औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति को उद्योगपतियों ने हाथोंहाथ लिया है।
- एक अप्रैल से अक्टूबर तक 40 से अधिक कंपनियों ने सरकार को यूपी में निवेश करने के लिए आवेदन किया है।
- वहीं पिछली सपा सरकार की नीतियों से खफा होकर उद्योगपतियों ने निवेश के लिए एमओयू साइन करने के बाद उद्योग नहीं लगाए थे।
- सपा सरकार में न तो उद्योगों के लिए बिजली की पर्याप्त उपलब्धता थी और रही सही कसर खराब कानून-व्यवस्था ने पूरी कर दी थी।
बिजली व्यवस्था में हुआ अभूतपूर्व सुधार
- डाॅ. चन्द्रमोहन ने बताया कि यूपी में भाजपा सरकार बनने के बाद से बिजली व्यवस्था में अभूतपूर्व सुधार हुआ है।
- कानून-व्यवस्था में इस कदर सुधार हुआ है कि अपराधी प्रदेश छोड़कर भागने को मजबूर हुए हैं।
- इसने विश्व पटल पर यूपी की छवि सुधारी है और उद्योगपतियों में एक विश्वास जगा है।
- सपा सरकार के कार्यकाल में एमओयू साइन करके उद्योग न लगाने वाले उद्योगपति मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीतियों और शासन से प्रभावित होकर प्रदेश में उद्योग लगाने की तैयारी में जुट गए हैं।
- नए निवेशक यूपी में आने को आतुर हैं।
- इसी से वाइब्रेंट यूपी की पृष्ठभूमि तैयार हो रही है।
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