2019 के लोकसभा चुनावों के पहले समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के गठबंधन की परीक्षा विधान परिषद् के चुनावों में होने वाली है। उत्तर प्रदेश की विधान परिषद् से कुल 13 सीटें खाली हो रही हैं जिनमें समाजवादी पार्टी के 7 सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है जिसमें सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का नाम शामिल है। सपा अध्यक्ष अखिलेश पहले ही कन्नौज से लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुके हैं। ऐसे में वे विधान परिषद् न जाएँ मगर पार्टी के अन्य नेता जरूर चुने जायेंगे।

इन सदस्यों का कार्यकाल हो रहा पूरा :

भारत के चुनाव आयोग ने घोषणा करते हुए कहा कि बिहार और उत्तर प्रदेश के विधानपरिषद की 24 सीटों के लिए चुनाव 26 अप्रैल को होगा। यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव का ऊपरी सदन की सदस्यता का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, राजेंद्र चौधरी, नरेश उत्तम, उमर अली खान, मधु गुप्ता, रामसकल गुर्जर और विजय यादव की विधान परिषद का कार्यकाल पूरा हो रहा है. बहुजन समाज पार्टी के विजय प्रताप सिंह, सुनील कुमार चित्तौड़, अंबिका चौधरी राष्ट्रीय लोकदल के चौधरी मुश्ताक का कार्यकाल पूरा हो रहा है. वहीं बीजेपी के दो उम्मीदवार हैं जिनका कार्यकाल खत्म हो रहा है।

 

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ये सदस्य जा सकते हैं विधान परिषद् :

अब विधान परिषद चुनाव में भी समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी गठबंधन का असर दिख सकता है। राज्यसभा चुनाव में गठबंधन करने के बाद भी बीजेपी ने बीएसपी उम्मीदवार को हरा दिया था। विधान परिषद की एक सीट पर जीत के लिए उम्मीदवार को 31 विधायकों के वोट चाहिए। विधानसभा में बीजेपी गठबंधन के पास 324 विधायक हैं। ऐसे में बीजेपी की 10 सीटों पर जीत तय मानी जा रही है। समाजवादी पार्टी-बीएसपी और कांग्रेस गठबंधन की दो सीटों पर जीत तय मानी जा रही है। इन 2 सीटों में एक समाजवादी पार्टी का सदस्य होगा और 1 बहुजन समाज पार्टी का सदस्य होगा।

 

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