उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसान बीमा योजना की शुरुआत किसानों की आर्थिक और सामिजिक स्थिति में सुधार के लिए की थी. सरकार ने योजना बना तो दी, उसका उद्घाटन कर प्रचार प्रसार भी कर दिया. पर इन योजनाओं के लिए हर क्षेत्र में दिए जाने वाला बजट पास करना शायद मुख्यमंत्री और उनके विभागीय मंत्री भूल गये. अब किसानो को इस योजना का लाभ लेने के लिए प्रशासन के निम्न स्तर तक किस हद तक गिड़गिड़ाना पड़ रहा है, इसका अनुमान लगाना सरकार के लिए थोड़ा मुश्किल है.
शासन ने नही किया अब तक बजट पास:
उत्तर प्रदेश किसान बीमा योजना का लाभ किसान कैसे प्राप्त कर रहे है इसका सीधा मामला चित्रकूट के एक गाँव से पता चलता है, जहाँ दर्जनों किसान सरकार की कल्याणकारी योजना का लाभ लेने के लिए महीनों से भुलेख कार्यालय के चक्कर लगा रहे है. किसानों को सरकार की इस योजना से अपने आर्थिक कष्ट दूर करने की आशा थी. और इसी आशा में जब किसान भुलेख कार्यालय में अधिकारियों से योजना के लाभ के लिए आवेदन करते है, तब मालुम पड़ता है कि शासन ने किसान बीमा योजना के बजट के लिए अभी तक स्वीकृति ही नही दी है.
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uttarpradesh.org के संवाददाता अनुज हनुमत द्वेवेदी से इस बारे में चित्रकूट के जिला पंचायत सदस्य अनिल प्रधान से इस बारे में बात की. बातचीत में अनिल प्रधान ने बताया कि किसानों की बीमा योजना के अंतर्गत कार्यालय में जमा फाइलें महीनों से धुल फांक रही है. ना तो कार्यालय का कोई कर्मचारी इस पर कोई कार्रवाई कर रहा है और ना ही विभागीय उच्च अधिकारी. भुलेख कार्यालय के कर्मचारी यह कह कर पल्ला झाड लेते है कि शासन ने योजना के लिए बजट की स्वीकृति ही नही दी तो वह क्या कर सकते है.
बहरहाल किसानों में इसको लेकर नराजगी है. वहीं जिला पंचायत सदस्य अनिल प्रधान ने कहा कि वह जल्द ही लखनऊ जायेंगे और प्रभारी मंत्री से इस बात की शिकायत करेंगे.”