बीजेपी के सांसद हुकुम सिंह ने 346 लोगों के कैराना छोड़कर जाने का दावा किया था और कहा था कि एक समुदाय विशेष की दबंगई के कारण हिन्दू परिवार कैराना छोड़कर जाने को मजबूर हुए।
जबकि एसपी भूषण ने कहा कि इस मामले में चार अलग-अलग टीम बनाकर जाँच करने की बात कही है और कहा है कि लिस्ट में शामिल नामों में चार व्यक्ति की मौत 20 साल पहले हो चुकी है और 13 लोग अभी भी वहां रह रहे हैं जबकि 68 ऐसे हैं जिन्होंने बेहतर जिंदगी की तलाश में कैराना से जाना उचित समझा।
शामली प्रशासन की ओर से कहा गया है कि अभी लिस्ट में शामिल बाकी नामों के बारे में भी पड़ताल की जा रही है।
वहीं डीएम कुमार का कहना है कि स्थानीय लोगों द्वारा कोई भी मामला दर्ज नहीं कराया गया है जिससे ये कहा जा सके कि कानून व्यवस्था लचर होने के कारण लोगों ने अपना घर छोड़ा।
एसडीएम गुप्ता का कहना है कि बीजेपी द्वारा दी गई लिस्ट उनके पास है और वो लोग एक-एक घर जाकर मामले की पूरी जानकारी जुटाने में लगे हैं और पलायन की खबर के बाद किसी भी कारण के सामने आने पर रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया जायेगा।
बता दें कि इस मामले पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अखिलेश यादव सरकार को नोटिस भेजकर चार हफ्ते में जवाब देने को कहा है।