परिवहन विभाग कर रहा है मुख्यमंत्री कार्यालय की उपेक्षा, अरविंद पांडेय जुगाड़ और पैरवी के दम पर दोबारा बने डीटीसी!
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उत्तर प्रदेश के परिवहन विभाम में दबंगो और दागियों का बोलबाला है, परिवहन ने विवादित अफसरों को विभाग में बड़े पर तैनाती दे दी है।
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परिवहन विभाग ने अब अरविंद पांडेय को दोबारा से डीटीसी मेरठ बना दिया है। ये वही अरविंद पाण्डेय हैं जिन्हें 2014 में भष्ट्राचार के आरोपों के चलते हटाया गया था।
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शासन सत्ता में अपने दखल और विभागीय जुगाड़ के दम पर अरविंद फिर से डीटीसी मेरठ बनने में कामयाब रहें है।
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अरविंद पाण्डेय के साथ ही कभी विवादों के घेरे में रहे देवेन्द्र त्रिपाठी और अनिल मिश्रा को भी विभाग के महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति प्राप्त हो गयी है।
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इससे पहले राज्य सड़क परिवहन निगम के आरएम कार्यालय में तैनात लिपिक रवि शर्मा का मामला प्रकाश में आया था।
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कई आरोपों के बाद भी रवि 10 वर्षों से भी अधिक समय तक अपनी कुर्सी पर जमा रहा। इससे विभाग के बडें अधिकारियों की मिलीभगत साफ पता चलती है।
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ऐसी बातें भी सामने आ रहीं हैं कि परिवहन विभाग लगातार मुख्यमंत्री कार्यालय की उपेक्षा कर रहा है, और मनमाने ढंग से काम कर रहा है।
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विवादित और भष्ट्राचार के आरोपी अफसरों को विभाग में बड़े पदों पर तैनाती से साफ है कि सरकारी तंत्र में भष्ट्राचार की जड़ें कितनी मजबूत हो चुकी हैं।