उत्तर प्रदेश पुलिस के काले कारनामों की फेहरिस्त बहुत लंबी है, पुलिस के कारनामे तो आये दिन चर्चा में रहतें है। लेकिन सीतापुर पुलिस ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसे सुनकर हर कोई पुलिसिया कार्यप्रणाली पर सवाल उठायेगा। हाल ही में सीतापुर जिले के खैराबाद थाने का एक मामला प्रकाश में आया है, जहां पर पेशे से पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव की पैतृक संपत्ति पर तहसीलदार मिश्रिख चंद्रभान राम की कारगुजारियों के चलते दबंगों ने पुलिस की शह पर अवैध कब्जा कर लिया है।
पीड़ित आशुतोष ने बताया कि जिले की पुलिस और तहसीलदार की मिलीभगत से दबंगों ने उसकी जमीन पर कब्जा कर लिया है। पिछले दिनों जब आशुतोष अपने खेत में गया तो दबंगों के द्वारा उसे जान से मारने की धमकी दी। धमकी मिलने पर आशुतोष ने 100 नंबर पर काल किया, लेकिन यह कॉल जिस महिला पुलिसकर्मी ने उठायी उसके जवाब सुनकर आप हैरान रह जाएंगे।
https://youtu.be/ywTdkbmkJG8
इस ऑडियो में आप सुन सकते हैं कि किस तरह यह महिला पुलिसकर्मी पीड़ित को समझाती है कि अभी तो सिर्फ धमकी मिली है, अगर मारा होता तो पुलिस जरूर आती। धमकी ही दी गई है इसलिए आपको थाने जाना चाहिए।
डॉयल 100 की खुली पोलः
डॉयल 100 परियोजना के तहत 10 से 15 मिनट में घटनास्थल पर पहुंचने का दम भरने वाली पुलिस की हालत इस बात से ही समझी जा सकती है कि 15 मिनट तो सिर्फ कंट्रोल रूम में बैठे पुलिसकर्मी को घटना और घटना स्थल बताने में ही लग जाते है। पुलिस को किसी बात की जल्दी नहीं रहती, उल्टे पुलिस तो नसीहत देती है कि कोई दुर्घटना होने के बाद 100 नंबर पर कॉल करें।
तहसीलदार ने वापस लिया अपना आदेशः
आरोप है कि तहसीलदार चंद्रभान राम ने अपने ही द्वारा दिए गये आदेश को विपक्षियों के द्वारा पैसा दिए जाने के बाद स्थगित कर दिया। मामूल हो कि किसी भी अधिकारी को यह अधिकार नहीं प्राप्त है कि वो अपने ही आदेश पर स्थगन आदेश करे, जब तक प्रार्थी द्वारा इसका विरोध किया गया हो। पत्रकार ने जब तहसीलदार से आदेश स्थगन का कारण जानना चाहा तो चंद्रभान राम ने बेतुका बहाना बनाते हुए ये कहा कि मैंने फाइल देखे बिना ही स्थगन आदेश कर दिया था।
सीतापुर क्षेत्राधिकारी को सौंपी जांचः
हालांकि, Uttarpradesh.org के प्रमुखता से यह खबर दिखाये जाने के बाद सीतापुर पुलिस जागती हुई दिखाई दे रही है। पुलिस ने उपरोक्त प्रकरण की जाँच क्षेत्राधिकारी नगर सीतापुर को सौंपी है, जिस संदर्भ में सीतापुर पुलिस ने ट्विट करके कार्यवाही का भरोसा दिया है।
उपरोक्त प्रकरण की जाँच क्षेत्राधिकारी नगर सीतापुर द्वारा की जा रही है।
— Sitapur Police (@sitapurpolice) July 18, 2016
उम्मीद है इस मामले में जल्द ही कारवाई की जाएगी, और जमीन कब्जा मुक्त हो सकेगी।