उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये हजारों माध्यमिक शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर राजधानी लखनऊ में विरोध-प्रदर्शन किया। माध्यमिक शिक्षक अपनी मांगों को लकर विधानसभा का घेराव करने जा रहें थे। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो वह उग्र हो गए। जिसके बाद पुलिस ने शिक्षकों पर लाठीचार्च कर दिया।

  • शिक्षकों पर किये गये लाठीचार्ज से सड़क पर भगदड़ मच गई और लम्बा जाम लग गया।
  • पुलिस ने किसी तरह से हालात को काबू में किया।
  • शिक्षक संघ के अध्यक्ष का कहना है कि अपनी मांगों को लेकर शिक्षक पहले भी कई बार धरना प्रदर्शन कर चुके हैं।
  • लेकिन सरकार उनकी मांगों पर विचार कर रही है।

madhyamik shiksha protest

ये हैं माध्यमिक शिक्षणेत्तर संघ की मांगेः

  • शिक्षक पद की योग्यता रखने वाले शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की 25 प्रतिशत शिक्षक पदों पर पदोन्नति का प्रावधान किया जाना चाहिए।
  • शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को भी उपार्जित अवकाश का नगदीकरण सेवानिवृत्ति पर प्रदान किये जाने का प्रावधान किया जाए।
  • शिक्षकों की भांति प्रबन्ध समिति में शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को प्रतिनिधित्व दिये जाने का प्रावधान किया जाए।
  • लिपिकीय ढांचे का निर्गत शासनादेश दिनांक 3 नवम्बर 2015 को संशोधित करते हुए चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से लिपिक पद पर पदोन्नति का कोटा 50 प्रतिशत पूर्व की भांति किया जाए।
  • वेतन निर्धारण को प्रकल्पित आधार पर किये जाने का आदेश दिया जाना चाहिए।
  • राजकीय कर्मचारियों की भांति चिकित्सीय सुविधा शिक्षेणेत्तर कर्मचारियों को भी प्रदान करने के आदेश निर्गत किये जाए।
  • चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से सहायक लिपिक पद पर तथा सहायक लिपिक पद से प्रधान लिपिक पद पर पदोन्नत होने पर पूर्व की भांति एक वेतन वृद्धि दिये जाने का आदेश निर्गत किया जाए।
  • लिपिक तथा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी पर की नियुक्ति पर लगी रोक हटाई जाए।
  • राजकीय कर्मचारियों के समान न्यूनतम पेंशन 3500 रूपये दिये जाने का आदेश निर्गत हो।
  • पुरानी पेंशन योजना 2005 के बाद से नियुक्त शिक्षणेत्तर कर्मचारियों पर भी लागू की जाए।
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