उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक बार फिर डीजीपी ओपी सिंह के निर्देशों को धता बताते हुए काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करने का ऐलान कर दिया है। इससे साफ जाहिर है कि पुलिस महकमें में तालमेल की भारी कमी आ गई है और पुलिसकर्मी अपने अधिकारियों की बात तक मानने को तैयार नहीं हैं। बीते 5 अक्टूबर की इंटेलिजेंस (मेरठ) की रिपोर्ट के अनुसार यूपी पुलिस ने एलान किया है कि ‘हम ट्रैफिक पोस्ट पर खडें रहेंगे, लेकिन ड्यूटी नहीं करेंगे।’ ‘हम पुलिस थाने जायेंगे, लेकिन क्राइम होने पर घटना स्थल पर नहीं जायेंगे।’ अगर इटेलिजेंस की ये रिपोर्ट सच है तो ये ट्रेंड यूपी पुलिस के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इस संबंध में इंटेलिजेंस ने मंडलाधिकारी (मेरठ, गाजियाबाद, सहारनपुर) को निर्देशित कर दिया है। पुलिस अधीक्षक (क्षेत्रीय) अभिसूचना विभाग मेरठ की तरफ से कहा गया है कि गोपनीय रूप से सूत्र संपर्कों के माध्यम से लाभप्रद सूचना संकलन कर तत्काल अभिसूचना मुख्यालय को अवगत करा दिया है।
इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के मुताबिक, ‘व्हाट्सएप पर एक पोस्ट वायरल हो रहा है कि मेरा पूरे पुलिस विभाग से कहना है अभी नहीं तो कभी नहीं, लंबी बातें वालों से कुछ नहीं होगा। अब कुछ करना ही होगा। आप सबको 10 अक्टूबर 2018 को पूरे उत्तर प्रदेश की पुलिस एक साथ काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराते हुए ड्यूटी करेगी।’आप चौराहे पर रहेंगे पर यह ट्रैफिक कंट्रोल नहीं करना है।’ ‘आप थाने पर रहेंगे पर कहीं क्राइम होने पर नहीं जाना है।’ ‘एक दिन दोस्तों सिर्फ 1 दिन भर अपनी ताकत का अंदाजा खुद लगा कर देखो। आज से ही सभी भाई काली पट्टी की व्यवस्था कर लो। मेरी बात उचित लगे तो आप सभी ग्रुप पर फॉरवर्ड करना शुरू करिए। आप अंदाजा नहीं लगा सकते अगर आप ने कर दिया तो आने वाले कल आपका नहीं तो हर जगह मार खाते रहोगे।
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