अक्सर हमारे देश में पुलिस की नकारात्मक छवि ही देखने को मिलती है और उत्तर प्रदेश पुलिस का नाम सुनकर ही आम लोग डरकर कांपने लगते है, इसके लिए काफी हद तक लोगों के प्रति पुलिस का रवैया भी जिम्मेदार है। हमें ऐसे कई मामले देखने और सुनने को मिलते रहते हैं, जहां पुलिस का भयावह क्रूर चेहरा लोगों के सामने होता है। समाज में घटित होने वाली हर बुरी घटना के लिए हमेशा पुलिस को ही सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया जाता है। लेकिन इसके अतिरिक्त हमारी पुलिस का एक और पक्ष भी है जिसकी तरफ लोगों का ध्यान कम ही जाता है, या हम उस तरफ देखना ही नहीं चाहते हैं।
यहां मै आप को औरैया जिले के बिधूना पुलिस स्टेशन का उदाहरण देना पसन्द करूंगा। जहां करीब 6 महीने पहले एक बूढ़ी औरत फरियाद लेकर पुलिस के जवानों के पास पहुंची थी। जब वह यहां पहुंची थी तो उसे दरकार थी न्याय व समाज की मदद की, क्योंकि उसके खुद के बच्चों ने बूढ़ी मां को घर से धक्के मारकर बाहर निकाल दिया था। पुलिस कर्मियों ने उस औरत को पुलिस स्टेशन में ही रहने की जगह दी, और उसके लिए एक घर बनाने का निर्णय लिया। पुलिसवालों से मिली इस सकारात्मक प्रतिक्रिया से बूढ़ी मां बहुत ही उत्साहित है और खुश भी।
हालांकि इस महिला की कहानी से हमें भारतीय पुलिस का परोपकारी पक्ष भी पता चलता है, पुलिस हमारे समाज का हिस्सा है और हमारे हितों के लिए ही कार्य करती है। अतः हमें भी उसका खुले दिल से सहयोग करना चाहिए। हां इसके लिए जहां कमियां हैं वहां सुधार की आवश्यकता जरूर होगी।