फिल्म पद्मावत की रिलीज को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन का दौर जारी है। फिल्म रिलीज के पहले पूरे देश से हिंसा की खबरें प्रकाश सामने आ रही हैं. इनमें तोड़फोड़ और आगजनी की भी घटनाएं हो रही हैं. सिनेमा घरों में करणी सेना तोड़ फोड़ नचा रही है और उस दौरान कई जगह करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने आत्मदाह की भी कोशिश की है, लेकिन प्रदेश की योगी पुलिस के सामने करणी सेना की एक नहीं चली है. प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सारे सिनेमाघरों में फिल्म पद्मावती रिलीज की गयी. इस दौरान प्रदेश पुलिस की हर सिनेमा घरों पर मुस्तैदी देखने को मिली. पुलिस मुस्तैदी के बीच लखनऊ के दर्शकों ने फिल्म पद्मावत का आंनद उठाया.
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योगी पुलिस के सामने करणी सेना फेल:
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दो महीने से चल रहे भारी विरोध के बीच आज पद्मावत रिलीज़ हो गयी है। इस फिल्म की शूटिंग से लेकर रिलीज़ तक विवादों का साथ रहा। आलम ये रहा कि फिल्म चारों तरफ से विवादों में घिर चुकी थी। इस फिल्म को रिलीज कराना हर प्रदेश के लिए चुनौती मानी जा रही थी। लेकिन उत्तर प्रदेश की पुलिस अपनी पैनी नजर उन उपद्रवियों पर रखते हुए जो हिंसा करने की फिराक में थे। उनके मंसूबो को ध्वस्त कर दिया, और पुलिस ने हर सिनेमाघरों में अपनी मौजूदगी से शांति पूर्वक फिल्म रिलीज होने में अपना योगदान दिया.
आपको बता दें कि फिल्म के विरोध को लेकर संजय लीला भंसाली और दीपिका की गर्दन काटने वाले को 5 करोड़ रु इनाम देने की घोषणा भी की गई थी वही, करणी सेना की तरफ से लगातार विरोध प्रर्दशन किया जा रहा था।
चौतरफा विरोध में करणी सेना ने देश के कई हिस्सों में करोड़ों की सम्पत्तियों को नुकसान भी पहुंचाया था। पूर्व से लेकर पश्चिम तक उत्तर से लेकर दक्षिण तक हर तरफ विरोध हो रहा था।
राजधानी पुलिस ने फिल्म कर कामयाबी की मिशाल पेश की है। राज्य के शहर लखनऊ में बिना किसी हिंसा के फिल्म को शांति पूर्वक रिलीज कराने में लखनऊ पुलिस का बड़ा हाथ रहा है।
गोमती नगर में हुए विरोध से पुलिस प्रशासन ने कसी कमर:
बीते दिनों जिले के गोमती नगर में करणी सेना ने विरोध प्रर्दशन किये थे। लेकिन जिले की पुलिस ने विरोध कर रहे लोगों पर जमकर लाठियां बरसाई थी। पुलिस के द्वारा चलायी गयी ये लाठियां उपद्रियों के लिए नमूना बना था।
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उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने फिल्म पद्मावत की रिलीज पर बयान देते हुए कहा था कि सही समय पर सही कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा था कि फिल्म की रिलीज पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन किया जायेगा। किसी भी उपद्रवी को बख्शा नहीं जायेगा। कानून-व्यवस्था का उल्लंघन बर्दास्त नहीं किया जायेगा।
चार राज्यों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल:
पद्मावत फिल्म को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चार राज्यों के खिलाफ भी अवमानना की याचिका दाखिल की गई है। याचिका कर्ता का कहना है कि ये चार राज्य कानून व्यवस्था को बनाए रखने के अपने कर्तव्य को निभाने में विफल हुए हैं पद्मावत पर विभिन्न राज्यों में लगाए बैन को सुप्रीम कोर्ट द्वारा हटाए जाने के बाद कई संगठन सड़कों पर उतर आए। संगठन फिल्म रिलीज होने पर अपना विरोध जता रहे हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने 25 जनवरी 2018 को फिल्म पद्मावत रिलीज होने के आदेश दे दिए थे, लेकिन उसके बावजूद कई राज्यों में हिंसा भड़की है.
स्कूल बस पर बच्चों पर फेंके पत्थर:
पद्मावत पर जबरदस्त विवाद के चलते बुधवार को कुछ उपद्रवियों ने गुरुग्राम में एक स्कूली बस पर हमला बोल दिया। हालांकि करणी सेना ने इस मामले में आरोपों को खारिज किया है। गुरुग्राम के जीडी गोयनका स्कूल की इस बस पर उपद्रवियों ने तब पथराव किया, जब उसमें बच्चे भी मौजूद थे।
आपको बता दें कि बस के अंदर बैठे बच्चों को देखकर भी उपद्रवियों का दिल नहीं पसीजा और उन्होंने बस में आग लगाने की भी कोशिश की। हालांकि बाद में पुलिस और भीड़ से निकले कुछ युवाओं के विरोध के बाद उपद्रवी वहां से फरार हो गए। इस दौरान बस में कुछ बच्चों को मामूली चोटें भी आई हैं।
बयान से पलटे थे करणी सेना प्रमुख:
आपको बता दें कि फिल्म पद्मावत देखने का आमंत्रण स्वीकार करने वाले करणी सेना के नेता लोकेंद्र सिंह कालवी काल्वी को फिल्म देखने के लिए न्योता मिला था. वहीँ वह इस फिल्म को देखने के लिए भी जाने वाले थे, लेकिन अब वह अपने बयान से पलट गए है.
उन्होंने कहा कि ”चार दिन पहले फिल्म देखने के लिए एक पत्र आया था और ये पत्र साजिश के तहत भेजा गया था ताकि भंसाली ये साबित कर सके कि वो हमें फिल्म दिखाना चाहते हैं और हम ही नहीं देखने को राजी हो रहे. न तो फिल्म मैं देखता हूं और न ही करणी सेना देखती है.
हम फिल्म उनको दिखाएंगे जिनको सेंसर बोर्ड ने चयनित किया है. भंसाली को 9 लोगों का नाम दिया गया था. लेकिन उसने केवल 3 लोगों को ही फिल्म दिखाई। हम इस प्रकार का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे.”
विवादों में घिरी थी पद्मावत:
आपको बता दें कि फिल्म पद्मवती (पद्मावती पर सेंसर बोर्ड फैसला) को लेकर विवाद ऐसा बढ़ा कि फिल्म के ट्रेलर रिलीज़ होने के बाद से ही ये विवाद और गहरा गया था. करनी सेना ने जगह-जगह विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया और ये प्रदर्शन आज भी चल रहा था. वहीँ इस बीच फिल्म से जुड़े कलाकारों ने भी कहा कि फिल्म रिलीज़ होनी चाहिए. फिल्म के कुछ दृश्यों को लेकर क्षत्रिय संगठनों ने जोरदार विरोध किया और जगह जगह जमकर हंगामा होने लगा. बता दें कि 1 दिसम्बर को रिलीज़ होने वाली ये फिल्म विरोध के चलते रिलीस नहीं हो पाई थी.
अभिषेक सोम पर हुआ था मुकदमा दर्ज:
संजय लीला भंसाली और दीपिका पादुकोण का सर कलम करने पर इनाम की घोषणा करने वाले अभिषेक सोम पर मुकदमा दर्ज हुआ था. सोम ने संजय लीला भंसाली और दीपिका पादुकोण का सर कलम करने वाले को 5 करोड़ का इनाम देने की थी घोषणा.
अभिषेक सोम क्षत्रिय समाज से ताल्लुक रखते हैं. अभिषेक के खिलाफ थाना नौचंदी में मुकदमा दर्ज हुआ था. क्षत्रिय समाज के लोग इस फ़िल्म में रानी पद्मावती के चित्रण को गलत तरीके से दर्शाये जाने का आरोप लगा हैं. क्षत्रिय समाज के लोग लगातार मांग कर रहे हैं कि इस फ़िल्म पर सरकार रोक लगाये.
इसी कड़ी में क्षत्रिय समाज के ठाकुर अभिषेक सोम ने विवादित बयान देते. हुए फ़िल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और संजय लीला भंसाली की गर्दन काटने वाले को क्षत्रिय समाज की ओर से 5 करोड़ रूपये की धनराशि देने का ऐलान किया था. इसी के चलते इन पर मुकदमा दर्ज हुआ था.