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कुछ समय पहले ही यूपी पुलिस द्वारा जनता के सामने लाये गए हैं कुछ तकनीकी विकल्प जिसके बाद पुलिस का दावा है कि वह उत्तर प्रदेश को अपराध-मुक्त करने में पूरी तरह से सफल रहेंगे।

आइये जानते हैं क्या हैं यूपी पुलिस के तकनीकी विकल्प :

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Dial-100 :

  • उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा शुरू की गयी डायल-100 सेवा पूरे प्रदेश को एक तार से जोड़ने वाली सेवा के रूप में उभरी है।
  • इस सेवा के अंतरगत आप 100 नंबर लगाकर किसी भी घटना की जानकारी अथवा किसी भी समस्या में मदद मांग सकते हैं।
  • अमेरिका के 911 की तर्ज़ पर बनाई गयी यह सेवा एक टोल-फ्री सुविधा है।
  • यूपी पुलिस ने डायल-100 को बीएसएनएल के साथ-साथ वोडाफोन व एयरटेल से भी एकीकृत किया है।
  • इसके चलते शिकायतें दर्ज कराते समय कॉल-ड्राप जैसी समस्याओं से भी छुटकारा मिल गया है।
  • इसके अलावा Dial-100 को #UP100 के साथ एकीकृत किया गया है जिसके माध्यम से यह ट्विटर से भी जुड़ा हुआ है।
  • डायल-100 का हेडक्वाटर लखनऊ के गोमतीनगर में स्थित है और यही पर सारे अपराधों की जानकारी इक्कट्ठी होती है।
  • इस कॉल सेंटर में भाषओं का कोई अवरोध नहीं है इसमें हिंदी, अंग्रेज़ी व क्षेत्रीय भाषा भी बोली जाती है।
  • यूपी पुलिस के अनुसार 2500 बोलेरो, 700 इन्नोवा करें अथवा 1600 पल्सर मोटरसाईकलें हमेशा घटनास्थल पर पहुँचने के लिए तैयार रहती हैं।
  • इसके अलावा शिकायतकर्ता को शिकायत दर्ज होते ही एक एसएमएस भेज दिया जाता है।

dial 100

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1090- वूमेन पॉवरलाइन :

  • यूपी पुलिस द्वारा नारी के सशक्तिकारण के लिए की गयी ये पहल लाखों महिलाओं को लाभान्वित कर रही है।
  • यह IVR प्रणाली पर आधारित प्रक्रिया है जिसके माध्यम से आप अपनी शिकायत घर बैठे करा सकते हैं।
  • इस प्रक्रिया में पीड़ित महिला की शिकायत महिला कांस्टेबल द्वारा ली जाती है साथ ही उस नंबर की जानकारी ली जाती है जिससे उसे परेशान किया जा रहा है।
  • इस शिकायत को आगे बढ़ाते हुए पुरुष इंस्पेक्टर को आगे कार्यवाही के लिए यह नंबर दिया जाता है।
  • पुलिस द्वारा पहले चरण में अभियुक्त को फ़ोन पर ही चेतावनी दी जाती है।
  • इसके बाद अगर अभियुक्त में कोई सुधार नहीं होता है तो उस पर कार्यवाही की जाती है।
  • साथ ही कॉल-सेंटर द्वारा पीड़िता को अगले 24 घंटों में दोबारा फ़ोन करके स्थिति की जानकारी ली जाती है।
  • इसके अलावा पीड़िता को एक हफ्ते के अंदर फिर फ़ोन किया जाता है साथ ही पूरी जानकारी ली जाती है।
  • 30 दिन के अंदर भी पीड़िता को फ़ोन किया जाता है और अगर स्थिति नाज़ुक होती है तो संबंधित डीआईजी को शिकायत आगे बढ़ाई जाती है।
  • आपको बता दें यूपी पुलिस ने इस प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलने के लिए गाज़ियाबाद में भी एक मिनी सेंटर खोला है।
  • इस प्रक्रिया में कॉल ड्राप या कॉल ना उठा पाने जैसी समस्याओं से निबटने के लिए इस सेंटर की स्थापना की गयी है।

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विकल्प पोर्टल :

  • महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए यूपी पुलिस ने इस दिशा में एक और कदम उठाया है।
  • विकल्प पोर्टल के ज़रिये आप घर बैठे ही अपनी एफआईआर दर्ज करा सकते हैं।
  • इस तकनीकीकरण के ज़रिये यूपी पुलिस ने अपनी अब तक की खामियों को सुधारा है।
  • यह प्रक्रिया देश में होने वाली पहली ऐसी पहल है जिससे पीड़ित महिलाओं को थानों के चक्कर नहीं काटने होंगे।
  • इसके साथ ही इस पोर्टल पर आयी शिकायातों की जांच के लिए राजपत्रित अधिकारी हमेशा तैनात रहते हैं।
  • पीड़ित महिला को अपनी शिकायत इस पोर्टल पर दर्ज करने के लिए दिए गये निर्देशों का पालन करना होता है।
  • बहुत ही आसानी से इस पोर्टल पर शिकायतें दर्ज की जाती हैं जिनकी जाँच माहिला अधिकारी द्वारा की जाती है।

women-safty

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सिटीजन ऐप :

  • डायल-100 परियोजना के अंतर्गत यूपी पुलिस ने एक ऐप लॉच करने जा रही है
  • जिसके तहत नागरिक पुलिस से आसानी से एक क्लिक द्वारा जुड़ सकते हैं।
  • इस ऐप को चलाने के लिए संबंधित व्यक्ति को अपना रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है।
  • रजिस्ट्रेशन के अंतर्गत आपको अपना नाम, पता, email-id तथा अपने परिवार के सदस्यों की जानकारी इसमें भरनी होती है।
  • इस ऐप में जीओ-फेंस्ड तकनीक का इस्तेमाल किया गया है जिसके द्वारा संबंधित क्षेत्र के थाने की जानकारी भी ली जा सकती है।
  • इसके अलावा जीपीएस की सहायता से आप आसानी से उस थाने तक पहुँच भी सकते हैं।

उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा तकनीकीकरण कि दिशा में उठाये गए यह कदम पोलिसिंग कौशल को और निखारने का काम कर रहे हैं। इसके साथ ही अपनी इस पहल से यूपी पुलिस प्रदेश को अपराध-मुक्त बनाने के अपने सपने को पूरा कर सकने में सक्षम हो गयी है।

GPS Surveillance

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