उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग की सूबे के सभी पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाली पहल के चलते यूपी कैबिनेट ने एक बार फिर वायु नीति में संशोधन कर एयरलाइन्स कंपनियों को आकर्षित करने का प्रयास किया है।
प्रस्ताव पर संशय:
- उत्तर प्रदेश में पर्यटन विभाग द्वारा नयी वायु नीति संशोधन के साथ सूबे के सभी पर्यटन स्थलों को जोड़ने वाला प्रस्ताव कैबिनेट में पहुँच गया है।
- हालाँकि, पहले से ही प्रस्ताव में कई संशोधन किये जा चुके हैं, ऐसे में पर्यटन विभाग की सारी योजनाओं पर एयरलाइन्स कंपनियों का रवैया ढुलमुल होने पर संशय की स्थिति बनी हुई है।
- गौरतलब है कि, सूबे की सरकार एयरलाइन्स को संशोधन के जरिये पहले ही काफी रियायत दे चुकी है, उसके बाद भी सेवा शुरू नहीं हो पायी है।
चलेंगे 20 सीटर प्लेन:
- इस योजना के तहत शहरों को वायुसेवा से जोड़ा जायेगा, जिनके लिए 20 सीटर प्लेन चलाये जायेंगे।
- कंपनियों का चयन टेंडर के माध्यम से किया जायेगा।
- चुनी गयी कंपनियों को सरकार द्वारा ‘वायबिल्टी गैप फण्ड’ के तहत 300 घंटे की उड़ान पर अधिकतम 500 करोड़ रुपये दिए जायेंगे।
- अनुबंध एक साल को होगा, लेकिन, संतोषजनक सेवा के तहत अनुबंध को आगामी 2 सालों के लिए बढ़ाया भी जा सकता है।
- एयरलाइन्स में सीट के न्यूनतम किराये का निर्धारण पर्यटन विभाग के महानिदेशक की अध्यक्षता में बनी कमेटी करेगी।
कंपनियां नहीं दिखा रही हैं रूचि:
- पर्यटन विभाग ने इस योजना के तहत सूबे के 10 पर्यटक स्थलों को जोड़कर पर्यटन को बढ़ावा देना चाहती थी, जिसके लिए कई कंपनियों को बुलाया भी गया था।
- लेकिन उनमें से अधिकतर ने इस प्रस्ताव में ख़ास रूचि नहीं दिखाई।
- इसके अलावा जिन्होंने ने रूचि दिखाई वो पर्यटन विभाग की शर्तों पर खरे नहीं उतर पाए।
इन रूटों पर शुरू होनी थी सेवा:
- पर्यटन विभाग ने शुरुआत में इन शहरों को जोड़ने की योजना बनायीं थी।
- लखनऊ-इलाहाबाद, लखनऊ-आगरा, लखनऊ-वाराणसी, लखनऊ-मेरठ, लखनऊ-गोरखपुर, लखनऊ-म्योरपुर, वाराणसी-म्योरपुर, मुरादाबाद-इलाहाबाद, मेरठ-इलाहाबाद, मुरादाबाद-लखनऊ, चिकुट-लखनऊ और लखनऊ-कुशीनगर।
- लेकिन इस बार के प्रस्ताव में लखनऊ-वाराणसी-आगरा-वाराणसी-लखनऊ, लखनऊ-इलाहाबाद-गोरखपुर-लखनऊ और लखनऊ-गोरखपुर-इलाहाबाद-लखनऊ रूटों को ही प्राथमिकता दी गयी है।
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