यूपी ही तय करेगा कि केंद्र में किसकी सरकार बने और कौन होगा प्रधानमंत्री: मायावती
लखनऊ। एक बार फिर यूपी में चुनाव के नजदीक आने पर राजनीति में मानो घमासान मच गया है। सभी राजनीति पार्टियाँ एक दुसरे पर कटाछ करती हुई नजर आ रही है। समाजवादी पार्टी से गठबंधन के बाद अपने 63 वें जन्मदिन पर बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने कर्जा माफी योजना पर कांग्रेस को घेरते हुए मध्यप्रदेश समेत तीन राज्यों में किसानों को धोखा देने का आरोप लगाया। सपा-बसपा कार्यकर्ताओं से पुराने गिले-शिकवे भुलाकर अपनी सरकार बनवाने की अपील भी की। भाजपा पर भी निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि झूठे चुनावी वादों की दाल अब नहीं गलेगी। यूपी ही तय करेगा कि केंद्र में किसकी सरकार बने और प्रधानमंत्री कौन होगा? मंगलवार को बसपा दफ्तर में पत्रकारों को सपा से गठबंधन जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे भाजपा की नींद उड़ गयी है।
कर्जमाफी के नाम पर कांग्रेस ने तीन प्रदेशो के किसानो को ठगा
मायावती ने हालिया विधानसभा चुनाव के नतीजों से भाजपा ही नहीं कांग्रेस को भी सबक लेने की जरूरत बतायी। उन्होंने कहा कि तीन राज्यों में बनी कांग्रेस सरकारों की कर्जमाफी योजना पर उंगलियां उठ रही हैं। उन्होंने सवाल किया कि कर्जमाफी सीमा 31 मार्च 2018 क्यों निर्धारित की जबकि सरकार 17 दिसंबर 2018 को चुनी गयी। सिर्फ दो लाख रुपये के कर्ज माफ करने की घोषणा हुई है। इसका कोई लाभ नहीं मिलेगा। मायावती ने किसानों को लुभाने के नजरिए से कहा कि देश के सारे किसानों का पूरा कर्जमाफ किया जाना चाहिए और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को पूरी ईमानदारी से लागू किया जाए।
- किसानों की समस्याओं का स्थायी समाधान किया जाए वरना होती रहेंगी आत्महत्याएं।
- मायावती ने कहा कि किसान 70 फीसद कर्ज साहूकारों से ही लेते हैं और इसे माफ करने की अभी नहीं है कोई नीति ।
- उन्होंने भूमिहीन किसानों व मजूदरों के कर्ज माफ करने की पैरोकारी भी की।
देश में पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, दलित व मजदूर वर्ग का हो रहा शोषण
लोकसभा चुनाव निकट है तो मायावती ने मुस्लिमों को रिझाने का मौका भी न छोड़ा। गरीब सवर्णों को दस प्रतिशत आरक्षण देने का स्वागत करने के साथ ही मुस्लिमों को आर्थिक आधार पर अलग से आरक्षण की वकालत भी की। उन्होंने कहा कि आजादी के समय सरकारी नौकरियों में मुस्लिमों की संख्या 33 फीसद थी जो अब केवल 2-3 फीसदी ही रह गयी है। उन्होंने कहा, देश में पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक, दलित व मजदूर वर्ग सबसे ज्यादा पीडि़त है और इनका हित कांग्रेस और भाजपा की सरकारों में न पहले सुरक्षित रहा है और न आगे रहने वाला है। मुसलमानों को जुमे की नमाज पढऩे से रोकने को अनुचित बताते हुए कहा कि भाजपा के लोग अब देवी-देवताओं की जाति भी बताने लगे हैं।
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