उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह ने (manual book released) बुधवार को ‘यूपी 100 UP’ के शहीदपथ स्थित मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में UP100 को प्राप्त ISO: 9001 सार्टिफिकेशन का अनावरण किया।
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- इस दौरान उनके साथ एडीजी यूपी 100 अनिल अग्रवाल सहित पुलिस विभाग के भारी संख्या में अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
- डीजीपी ने कार्यक्रम के दौरान यूपी 100 की हस्तपुस्तिका का भी विमोचन किया।
- साथ ही डीजीपी ने डॉयल 100 के काम करने के तरीकों के बारे में भी नए निर्देश जारी किये हैं।
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अपराधों में इजाफा होने की आ रही है सूचना
- इस दौरान डीजीपी सुलखान सिंह ने कहा कि प्रदेश में लगातार अपराधों में इजाफा होने की सूचना आ रही है।
- इसके लिए उन्होंने यूपी 100 को प्रथम अहमियत देते हुए इस पर और सक्रियता से काम करने के लिए यूपी 100 पर तैनात पुलिसकर्मियों को हिदायत दी।
- डीजीपी ने कहा कि पूरे प्रदेश की यूपी डायल 100 पर 18 हजार पुलिस हर रोज तैनात रहती है।
- उन्होंने कहा कि यूपी 100 परियोजना के प्रशासनिक नियंत्रण, प्रभावी संचालन एवं पर्यवेक्षण के विभिन्न स्तरों के संबध में स्पष्टता व यूपी 100 एवं अलग-अलग जनपदों के पुलिस अधिकारियों के माध्य सामंजस्य स्थापित कर यूपी 100 के सुचारू रूप संचालन के लिए ही यूपी 100 की हस्तपुस्तिका निकाली गई है।
- इस पुस्तिका में यूपी 100 के बारे में विधवत जानकारी दी गई है।
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पुस्तिका पढ़कर समझें पुलिसकर्मी
- एडीजी यूपी 100 अनिल अग्रवाल ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि इस पुस्तिका का वितरण सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों एवं थाना प्रभारियों को किया जायेगा।
- ताकि इसे पढ़कर वह पूरी तरह से समझ सकें।
- एडीजी के मुताबिक यूपी 100 प्रणाली के तहत 700 से अधिक मानक संचालन प्रक्रिया प्रचलन में है।
- प्रदेश के 75 जिलों में संचालित 3000 पुलिस प्रतिक्रिया वाहनों पर 21000 से अधिक पुलिस बल तैनात करने का प्रवधान है।
- इस बेहतरीन स्तर की संस्था के लिए अपनी सेवाओं को विश्वस्तरीय मानक एवं गुणवत्ता के प्रावधानों को बनाये रखते हुए राज्य स्तर पर निरन्तर सेवा प्रदान की किये जाने की भी अपील की गई।
- इस मौके पर डीजीपी ने यूपी 100 से जुड़ी कई अहम बात बताकर अपने मातहतों को जानकारी दी और साथ में मेहनत एवं लगन से काम करने के लिए भी बल दिया।
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नाली-नाबदान की सबसे अधिक विवाद
- एडीजी ने बताया कि यूपी 100 पर सबसे ज्यादा सूचनाएं नाली-नाबदान एवं बुजुर्गो को अपने द्वारा प्रताड़ित किये जाने की आती है।
- खबर मिलने के 15-20 मिनट के अंदर यूपी 100 मौके पर पहुंचती है और उस पर तैनात पुलिसकर्मी कुछ मामले को मौके पर समझा-बुझाकर निपटारा करा देते हैं।
- तो कुछ को संबधित थाने के हवाले कर देते हैं।
- इस पर स्थानीय पुलिस दोनों पक्षों को बुलाकर पहले तो समझाने का प्रयास करती है।
- लेकिन जब वह नहीं समझते तो पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई कर सलाखों के पीछे भेजती है।
- एडीजी अनिल अग्रवाल ने यूपी डायल 100 पर तैनात पुलिसकर्मियों की सराहना करते हुए बताया कि 460 लोगों को खुदकुशी किये जाने से बचाया।
- यही नहीं एडीजी ने यह भी बताया कि यूपी 100 पर तैनात पुलिसकर्मियों की लापरवाही मिलने पर उन्हें लाइन भेजने के साथ कुछ लोंगो को पुलिस सेवा से आजाद भी किया गया है।
खनन की शिकायत पुलिस का मामला नहीं: डीजीपी
- डीजीपी सुलखान सिंह ने साफ तौर पर ऐलान किया है कि पुलिस का काम सिर्फ अपराध पर काबू और आतंक का पर्याय बने बदमाशों को धरपकड़ करने तथा मारपीट या फिर अन्य सूचनाओं के बाद मौके पर पहुंच कर इसकी जानकारी पहले अपने अधिकारी को दें।
- यह नहीं कि खुद ही सक्षम अफसर बन जायें।
- सूबे के अलग-अलग जिलों में खनन माफिया द्वारा खनन किये जाने की सूचना पर उसे निपटारा करने का पुलिस का काम नहीं है।
- डीजीपी ने बताया कि वह साफ निर्देश दे चुके हैं कि खनन के मामले में पुलिसकर्मी खुद न पहुंचे वह राज्सव को मामला होता है।
- इसलिए वह संबधित विभाग के अधिकारियों के साथ ही मौके पर पहुंचे।
- यह भी पुलिस महानिदेशक ने बताया कि चाहे किसी भी जिले में यूपी 100 की सेवा हो उनकी तन वाह उसी जनपद से मिलती हैं, जहां पर तैनात हैं।
- यह तो दूर डीजीपी ने बताया कि कुछ ऐसे मामले हैं, जो वह खुद देख कर पुलिस को और बेहतर काम करने पर जोर देते हैं।
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- डीजीपी ने कहा कि वह सरकार को पत्र लिखकर इलाहाबाद और नोएडा में बनाने का अनुरोध किया है।
- एक सवाल पर उन्होंने बताया कि जब यूपी 100 की कॉल न लगे तो कोई भी पीड़ित 1073 पर भी कॉल कर सकता है।
- जो लोकल कंट्रोल रूम पर जायेगी।
- प्रदेश में बनी डकैती सेल के बारे में बताया कि यह योजना कोई जरूरी नहीं है।
- क्योंकि लखनऊ के अलावा अन्य जनपदों में तैनात एसओजी टीम ही काफी है, जो डकैतों की धरपकड़ करने काफी है।
- चित्रकूट में मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए दरोगा के मामले में डीजीपी ने बताया कि बारिश के दिनों में पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ के दौरान अक्सर बदमाश अपने इरादे में कामयाब हो जाते हैं।
- वजह है कि जंगलों में घना पेड़ पौधों का फायदा उठाकर अपराधी भाग निकलते हैं।
- डीजीपी के मुताबिक मुठभेड़ के दौरान पुलिस घायल भी होती है और उनकी जान का खतरा भी रहता है।
- शहीद हुए दरोगा का हवाला देते हुए बताया कि घने जंगल होने की वजह रही कि दरोगा की जान चली गई और बदमाश अपने नापाक मंसूबे में कामयाब होकर भाग निकले।
- डीजीपी का कहना है कि यूपी 100 में अभी पुलिसकर्मियों की कमी है, जिन्हें जल्द ही 700 पुलिसकर्मी और दिये जायेंगे।
- इस दौरान इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा पीआरवी को ईंधन आपूर्ति किये जाने के फलस्वरूप अर्जित किये गये क्रेडिट प्वाइंट्स के भुगतान यूपी 100 को 30 लाख रूपये का चेक दिया।