उत्तर प्रदेश उपभोक्ता सहकारी संघ के कर्मचारियों ने बुधवार को राजधानी लखनऊ में जोरदार प्रदर्शन कर संघ के चेयरमैन के आवास का घेराव किया। सैकड़ों की संख्या में कर्मचारियों ने चेयरमैन के आवास पर नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन कर विरोध जताया। आवास पर हंगामा होता देख चेयरमैन के एक प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे और ज्ञापन लेकर कार्रवाई का आश्वाशन दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारी माने और धरना समाप्त कर दिया।
भाजपा विधायक हैं संस्था के चेयरमैन
उत्तर प्रदेश उपभोक्ता सहकारी संघ का नेतृत्व कर रहे प्रबंधक व्यवसाय ओमेन्द्र कुमार ने बताया संगठन के अध्यक्ष पूर्णमासी दीन हैं। बांदा जिला के सदर से भाजपा विधायक प्रकाश द्विवेदी संघ के चेयरमैन हैं। वह वर्तमान समय में हजरतगंज स्थित कसमंडा हॉउस के 303 नंबर प्लैट में रहते हैं। बुधवार को सैकड़ों की संख्या में महिला पुरुष कर्मचारियों ने उनके आवास का घेराव कर अपनी मांगों को लेकर दोपहर एक बजे प्रदर्शन कर नारेबाजी की। इसके बाद जब चेयरमैन नहीं आये तो उन्होंने अपने प्रतिनिधि ज्ञानेंद्र सिंह को भेजा। उन्होंने ज्ञापन लेकर कार्रवाई का आश्वासन दिया।
मांगे न पूरा होने पर जारी रहेगा आंदोलन
बता दें कि कर्मचारियों ने पिछली 12 मई को पांच सूत्रीय मांगों को लेकर कैसरबाग स्थित उपभोक्ता केंद्र पर ताला लगा दिया था। कर्मचारियों का कहना है कि सहकारी संस्था वर्ष 1965 से उत्तर प्रदेश की सरकार की योजनाओं में बेहतर तरीके से काम कर रही है। वर्ष 2013 में मल्टीस्टेट के तहत उपभोक्ता सहकारी संघ का पंजीकरण कराने के बाद से कर्मचारियों कार्यविहीन हो गए। किसानों को सीधे लाभ पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई धान एवं गेहूं खरीद योजना का कार्य भी पूरी तरह बंद हो गया। नतीजा यह हुआ कि प्रबंध निदेशक से लेकर क्षेत्रीय प्रबंधक तक ने अपनी नौकरी से त्याग पत्र दे दिया।
कर्मचारियों ने बताया कि वेतन न मिलने के कारण कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति खराब हो चली है। वेतन के अभाव में सही इलाज न मिलने से कई बीमार कर्मचारियों की मौत तक हो गई। कर्मचारियों ने चेतावनी भरे लहजे में राज्य सरकार को चेताते हुए कहा कि यदि लंबित वेतन का जल्द भुगतान नहीं किया गया तो परिवार संग आत्महत्या करने को मजबूर होंगे। कर्मचारियों ने संघ को पूर्व की भांति उप्र. सहकारी समिति अधिनियम 1965 के तहत संचालित करने, धान एवं गेहूं खरीद के लिए संस्था को राज्य सरकार की एजेंसी के रूप में नामित करने आदि की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान नही देगी तो सभी कर्मचारी विधानसभा घेराव करने के लिए विवश हो जाएंगे।