केंद्र और राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है कि पूरे प्रदेश को खुले से शौच मुक्त करवा दिया जाये. इसके लिए करोड़ो अरबों रुपये खर्च किये जा रहे हैं. इस साल गांधी जयंती तक हर घर में शौचालय निर्माण तक का लक्ष्य तय है. बावजूद इसके Uttarpradesh.Org की पड़ताल से शौचालय निर्माण और खुले में शौच मुक्त प्रदेश के लक्ष्य की असलियत बाहर आ गयी हैं. अमेठी के एक आदर्श गाँव की हालत ये है कि ग्रामीणों के घर में शौचालय तो दूर की बात है खुद ग्राम प्रधान के घर तक में शौचालय नहीं हैं.
Uttarpradesh.Org की पड़ताल:
स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य पूरे भारत को खुले से शौच मुक्त करना है. इसके अंतर्गत हर प्रदेश, जिले और तहसील में शौचालय बनवाए जा रहे हैं. सरकार की मंशा है कि दो अक्टूबर यानी गांधी जयंती तक पूरे देश को खुले से शौच मुक्त कर दिया जाए।
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जहाँ शौचालय निर्माण के लिए सरकार ने करोड़ों, अरबों रूपए का बजट स्वीकृत किया है. वही सूबे के वीवीआईपी जनपद अमेठी के एक आदर्श गांव में प्रथम नागरिक कहे जाने वाले ग्राम प्रधान के पास ही शौचालय नहीं है तो ग्रामीणों की बात तो दूर है
सरकारी दावे की खुली पोल:
बता दें कि जिला प्रशासन ने साल 2018 तक जिले को खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) करने का दावा किया है लेकिन इस दावे की पोल अमेठी जिले के शुकुल बाजार ब्लॉक के आदर्श गाँव विशम्भर पट्टी में खुल गई है, जहाँ आज भी ग्रामीणों को शौचालय की सुविधा नही मिल पा रही है. जो ग्राम पंचायत सहित अधिकारियो की लापरवाही को दर्शाता है. इस बारे में ग्रामीणों ने बताया कि वे भी शौचालय का उपयोग करना चाहते हैं, लेकिन ग्राम पंचायत शौचालय बनवाने में कोई दिलचस्पी नहीं ले रहा है. इस कारण ग्रामीणों को खुले में शौच जाना पड़ रहा है ।
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वाह? ग्राम प्रधान तक के घर में नहीं है शौचालय:
अमेठी जिलाधिकारी शकुन्तला गौतम ने डीपीआरओ अमेठी सहित कई अन्य अधिकारियो को जिम्मेदारी सौंपी है ताकि वे जनता से जुड़कर खुले में शौच मुक्त करवा सके, लेकिन उनके ही जिम्मेदार इस जिम्मेदारी से हाथ खिंचते नजर आ रहे हैं.
नतीजा अमेठी जनपद के अंतर्गत विकास खंड शुकुल बाजार के ग्राम सभा विशम्भर पट्टी में ग्राम प्रधान सियाराम के खुद के पास अब तक शौचालय नहीं है. उनकी घर की महिलाएं खुले में शौच जाती है. पूछने पर सियाराम ने बताया कि उनके कार्यकाल को तीन साल बीत चुके है. और अब जल्द ही वह शौच घर का निर्माण कराएंगे ।
एसडीएम ने बताया:
वही जब इस मामले को लेकर एसडीएम मुसाफिरखाना से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ये बहुत शर्म की बात है. मामले की जानकारी कर कार्रवाई की जायेगी।