नई सरकार के गठन के बाद बिजली विभाग में सुधार के लिए कवायद शुरू हो गई थी. पुराने बकाया बिलों को लेकर बिजली विभाग की तरफ से निर्देश जारी किया गया था. कहा गया था कि 15 जून तक उनको सब्सिडी दी जाएगी. यह कहा गया था कि एक निश्चित अवधि में बिल जमा नहीं करने पर कनेक्शन काट दिया जाएगा. लेकिन सबसे अधिक बिजली के बिल सरकारी विभागों में सामने आये. बिजली विभाग (uppcl) अब इस घाटे को पूरा करने के लिए बिजली महँगी करने का प्लान बना रहा है.
बढ़ेगी बिजली दरें:
- यूपी पॉवर कारपोरेशन जल्द ही घाटा पूरा करने के लिये बिजली की दरें बढायेगा
- बिजली की आपूर्ति के घंटे बंढाये जाने से 800 करोड की हर महीने विभाग को नुकसान हो रहा है.
- गांवो ,शहर दोनों उपभोक्ताओं को बढ़ी हुई बिजली की दरें देनी होगी.
- पॉवर कार्पोरेशन जल्द ही विघुत नियामक आयोग को भेजेगा नया टैरिफ प्लान.
- इसके बाद वो प्लान समान रूप से लागू कर दिया जायेगा.
घाटे में वितरण कम्पनियाँ:
- वहीँ पावर कॉर्पोरेशन की चार वितरण कंपनियों ने अपने वार्षिक आंकड़े गैर सब्सिडी घाटा करीब 20,000 करोड़ का दिखाया है.
- केंद्र की उदय योजना के तहत 5500 करोड़ का घाटा पूरा हो जाएगा.
- लेकिन 15000 करोड़ के घाटे को पूरा करने का कोई विकल्प मौजूद नहीं है.
- ऐसे में इस घाटे का बोझ प्रदेश की जनता पर पड़ता दिखाई दे रहा है.
प्रस्तावित औसत लागत दर:
- बजाज हिन्दुस्तान– रू0 1773 करोड- रू0 7.22 प्रति यूनिट
- रोजा पावर प्रोजेक्ट प्रथम– रू0 2046 करोड- रू0 5.03 प्रति युनिट
- रोजा पावर प्रोजेक्ट द्वितीय- रू0 2047 करोड़- रू0 5.04 प्रति युनिट
- ललितपुर प्रोजेक्ट (बजाज ग्रुप)- रू0 4730 करोड- रू0 5.04 प्रति युनिट
- श्रीनगर- रू0 663 करोड- रू0 5.84 प्रति युनिट
हालाँकि अभी विभाग ने नएटैरिफ प्लान की जानकारी नहीं दी है लेकिन जल्द ही ये प्लान सार्वजनिक किये जायेंगे.