उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी पहली कैबिनेट मीटिंग में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को पारित किया था, जिसमें से एक प्रस्ताव ख़राब ट्रांसफार्मर को 48 घंटे में बदलने का भी शामिल था। गौरतलब है कि, सूबे में बिजली की समस्या प्रमुख समस्याओं में से एक है, जिसमें विभाग की लापरवाही के चलते ख़राब ट्रांसफार्मर को बदलने(UPPCL transformer exchange) में हफ़्तों का समय लगता था।
UPPCL ने चलाया अभियान(UPPCL transformer exchange):
- योगी सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए थे।
- जिसके तहत ख़राब ट्रांसफार्मर को बदलने को लेकर 48 घंटे की समय सीमा निर्धारित की गयी थी।
- इसी क्रम में उत्तर प्रदेश पॉवर कारपोरेशन ने दो दिवसीय अभियान चलाया था।
- यह अभियान बीते 26-27 जून तक चलाया था।
- यह अभियान सूबे के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के नेतृत्व में चलाया गया था।
- अभियान में मुख्यमंत्री योगी के 48 घंटे में ट्रांसफार्मर बदलने के निर्देश का बड़ा असर दिखाई दिया।
48 घंटों में ग्रामीण इलाकों के बदले गए 1518 ट्रांसफार्मर(UPPCL transformer exchange):
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 48 घंटे में ख़राब ट्रांसफार्मर बदलने के फैसले के तहत बिजली विभाग ने अभियान चलाया था।
- इस अभियान के तहत सूबे के ग्रामीण क्षेत्रों में 48 घंटे के भीतर कुल 1518 ट्रांसफार्मर बदले गए।
- अभियान के तहत पूर्वांचल में 392 ट्रांसफार्मर,
- मध्यांचल में 400 ट्रांसफॉर्मर,
- दक्षिणांचल में 361 ट्रांसफार्मर,
- पश्चिमांचल में 365 ट्रांसफार्मर बदले गए।
पहले नंबर पर रही राजधानी(UPPCL transformer exchange):
- बिजली विभाग ने CM के आदेश पर ख़राब ट्रांसफार्मर बदलने का अभियान चलाया था।
- जिसके तहत ख़राब ट्रांसफार्मर बदलने के मामले में राजधानी लखनऊ पहले नंबर पर रही।
- लखनऊ में सबसे ज्यादा 222 ट्रांसफार्मर बदले गए।
- वहीँ उत्तर प्रदेश का मुरादाबाद जिला इस सूची में दूसरे स्थान पर रहा।
- जहाँ कुल 136 ट्रांसफार्मर बदले गए।
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