उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जनता की सुरक्षा और डिजिटलाइजेशन को लेकर बड़े बड़े दावे किये जाते हैं। इसी क्रम में जल्द ही प्रदेश में डायल 100 को भी लांच किया जा रहा है। लेकिन प्रदेश सरकार और पुलिस के लोगों की सुरक्षा के नाम पर किये जा रहे दावों की सच्चाई आपके होश उड़ जायेंगे। प्रदेश में पुलिस द्वारा जनता की सुरक्षा के नाम पर एक भद्दा मजाक किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश पुलिस का अनदेखा सच:
- यूपी पुलिस की ऑफिसियल वेबसाइट uppolice.gov.in पर प्रदेश में हुए अपराधों को आखिरी बार 2014 में अपडेट किया गया है।
- वेबसाइट पर प्रदेश में 2015 और उसके बाद हुए अपराध के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।
- ऐसा भी नहीं है कि वेबसाइट को अपडेट न किया जा रहा हो। वेबसाइट को प्रतिदिन अपडेट किया जा रहा है, सिर्फ 2014 के बाद हुए अपराधों को अपडेट नहीं किया गया है।
- इसके अलावा वेबसाइट पर 2010 से 2014 के बीच हुए क्राइम की जो टेबल दी गई है, वह बेहद हैरान कर देने वाली है।
- उत्तर प्रदेश पुलिस की इस टेबल में 2010 के बाद से प्रदेश में लगातार अपराध बढ़ा है, जबकि अखिलेश सरकार हमेशा से ही पुलिस प्रशासन के अच्छे कार्यों का राग अलाप रही है।
- इस टेबल में 2010 के बाद मर्डर, बलात्कार और दहेज़ हत्या जैसे हर तरह के अपराधों में बढ़ोतरी हुई है। वेबसाइट पर 2014 के बाद प्रदेश में हुए अपराधों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है।
- अब सवाल यह उठता है कि प्रदेश में 2014 के बाद अपराध में कितनी बढ़ोतरी हुई है?
- किस वजह से 2015 और उसके बाद हुए अपराधों को जनता से छुपाया जा रहा है?
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इन अधूरे आकंड़ों के साथ जल्द ही प्रदेश में डायल 100 को लांच किया जा रहा है। लेकिन प्रदेश सरकार के डिजिटलाइजेशन के इन दावों का क्या मतलब जबकि पुलिस प्रदेश में बढ़ रहे अपराधों को रोकने में पूरी तरह से नाकाम है।
बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या ऐसे ही यूपी पुलिस ऐसे ही जनता की सुरक्षा का दावा करती रहेगी, जबकि उसकी खुद की रिपोर्ट में प्रदेश में अपराधों की बढ़ोतरी को साफ़-साफ़ देखा जा सकता है। क्या अब भी इस लापरवाही पर प्रशासन और उत्तर प्रदेश पुलिस सिर्फ बड़े-बड़े दावे करते रहेंगे।