उत्तर प्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन में तैनात डिप्टी मैनेजर(UPSIDC deputy manager) को बर्खास्त कर दिया गया है, जिन्होंने अनुभव के फर्जी दस्तावेजों को जमाकर नौकरी पायी थी। यह मामला 2008-2009 की बैकलॉग भर्तियों की जांच के दौरान सामने आई है।
गाजियाबाद के रीजनल ऑफिस में पायी थी नौकरी(UPSIDC deputy manager):
- UPSIDC में तैनात डिप्टी मैनेजर को बर्खास्त कर दिया गया है।
- डिप्टी मैनेजर प्रमोद कुमार गाजियाबाद रीजनल ऑफिस में तैनात थे।
- डिप्टी मैनेजर ने यह नौकरी फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर पायी थी।
- गौरतलब है कि, UPSIDC में 2008-2009 की बैकलॉग भर्तियों की जांच की जा रही है।
- जिसके तहत यह मामला संज्ञान में आया।
- एमडी रणवीर प्रसाद ने जांच के बाद डिप्टी मैनेजर को बर्खास्त कर दिया है।
- इसके साथ ही अन्य अधिकारी और कर्मचारियों पर भी जल्द कार्रवाई होगी।
CAG करेगा UPSIDC के खातों की जांच(UPSIDC deputy manager):
- नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस अथॉरिटीज की जांच के लिए योगी सरकार ने अपनी मंजूरी दे दी है।
- इसके साथ ही योगी सरकार ने UPSIDC को भी CAG की जांच के घेरे में शामिल कर लिया है।
- साथ ही साथ सभी विभागों की खातों की जांच तत्काल प्रभाव से कराने का निर्णय भी लिया गया है।
- सरकार ने CAG की जांच के लिए जुलाई में जारी किये गए आदेश को संशोधित किया है।
- आदेश की एक कॉपी CAG को भी भेज दी गयी है।
- इसके साथ ही सूत्रों की मानें तो CAG की टीम एक हफ्ते के अन्दर जांच के लिए अपना डेरा जमा सकती है।
पिछले 10 सालों के घोटालों का खुलेगा कच्चा-चिट्ठा(UPSIDC deputy manager):
- योगी सरकार ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस अथॉरिटीज और UPSIDC की CAG जांच के आदेश दे दिए हैं।
- जिसके बाद CAG की टीम पिछले 10 सालों में विभागों में हुआ घोटालों की जांच करेगी।
- इसके साथ ही CAG इन 4 विभागों के खातों की भी जांच करेगी।
- यह जांच यूपी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एक्ट 1976 के तहत गठित इन विभागों के खातों की जांच का आदेश पारित हुआ है।