उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आते ही अवैध बूचड़खानों में भले ही गौकशी बंद हो गई हो परन्तु अब परिवहन विभाग में करोड़ों रुपये की रोडवेज बसों की कटाई कबाड़ियों ने शुरू कर दी है। यह गाड़ियां चोरी छिपे शहर के अंदर झाड़ियों में काटी जा रहीं हैं। इस संबंध में जब जिम्मेदार अधिकारियों से जानकारी ली गई तो वह तरह-तरह के बहाने बनाकर अपना पल्ला झाड़ते नजर आये।
गोमतीनगर के कबाड़ियों को बेच दी गईं करोड़ों की गाड़ियां
- जानकारी के मुताबिक, ताजा मामला विभूतिखंड इलाके का है।
- यहां विभूतिखंड थाने से हनीमेन चौराहे की तरफ जैसे ही आप ओवरब्रिज पर चढ़ेंगे वैसे ही नीचे की तरफ खाली पड़ी जमीन में यह करोड़ों रुपये की रोडवेज बसें काटी जा रही हैं।
- स्थानीय लोगों की मानें तो यह गाड़ियां पिछले महीने से भाजपा की सरकार बनने के बाद से लगातार काटी जा रहीं हैं।
- इन लोगों की अगर मानें तो यहां करीब तीन दर्जन गाड़ियां काटी जा चुकी हैं।
- रविवार को जब हमारे ‘सीनियर फोटो जनर्लिस्ट सूरज कुमार’ ने घटना स्थल का जायजा लिया तो एक दर्जन गाड़ियां वर्तमान समय में काटी जा रहीं थीं।
- हालांकि जब यहां काम कर रहे लोगों ने कैमरे से फोटो खिंचते देखा तो भाग खड़े हुए।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
- हालांकि जब इस मामले में लखनऊ क्षेत्र के सर्विस मैनेजर अजीत सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि पिछले एक सप्ताह पहले हमारे यहां से केवल 7 गाड़ियों की नीलामी हुई थी।
- इन गाड़ियों को कबाड़ी ने ख़रीदा था, बाकी की गाड़ियां हो सकता है कि गैर जनपद से लाई गई हों।
- उन्होंने बताया कि गाड़ियों की नीलामी के वक्त पूरे दस्तावेज सुरक्षित रहते हैं।
- उन्होंने बताया कि गाड़ियां देने से पहले 5 या 6 लोगों के हस्ताक्षर होते हैं।
- साथ ही कबाड़ी का आईडी कार्ड भी दिल्ली से बनकर आता है।
- इस प्रक्रिया में जितना पैसा जमा होता है वह पूरी डिटेल होती है।
- उन्होंने बताया अगर कबाड़ी के यहां ज्यादा गाड़ियां होंगी तो इसका कारण यह भी हो सकता है कि ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत उसने गैर जिलों से गाड़ी खरीदी हों।
- फिलहाल हमारे यहां से दी गईं गाड़ियों के पूरे दस्तावेज हैं इसमें कोई लापरवाही नहीं मिलेगी।
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