लखनऊ।  उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा टीईटी की परीक्षा 18 नवंबर 2018 को आयोजित होगी। जिसको लेकर सरकार द्वारा प्रशासनिक तौर पर तैयारियां कर ली गईं है। बता दें कि इस परीक्षा में कुल 17.80 लाख अभ्यार्थी हिस्सा लेंगे। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी ने बताया कि 18 नवंबर को 10 से 12.30 बजे तक प्राथमिक और 2.30 से 5 बजे तक उच्च प्राथमिक स्तर की परीक्षा होगी।

कैसी हैं परीक्षा की तैयारियां ?

लेकिन आपको बता दें कि इस परीक्षा को लेकर प्रशासन की मंशा पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा हो रहा है। आलम ये है कि योगी सरकार के अफसर सरकार की फजीहत करवाने पर आमादा हो गए हैं। बता दें कि 18 नवंबर को होने वाली परीक्षा में 2 पालियों में इग्जाम होने हैं जिसमें कि अधिकारियों का बड़ा खेल सामने आ रहा है। बता दें कि सूबे के बड़े शहरों और जनपदों में अलग अलग पालियों के लिए अलग अलग सेंटर रखे गए हैं और इन सेंटरों की दूरी लगभग 50 किमी की है। अब ऐसा कदम क्यों लिया गया है यह सवाल अधिकारियों की मंशा पर सवाल उठाता है।

इस कदम से अधिकारियों पर एग्जाम सेंटर सेट करने, कमीशनखोरी के गंभीर आरोप लग रहे हैं। आरोप लगाया जा रहा है कि अभ्यार्थी दोनों पालियों में सम्मिलित ना हो सकें इसलिए सेंटर के बीच की दूरी को बढाया गया है।

प्रशासन के इस कदम से अभ्यार्थी नाराज नजर आ रहे हैं। आरोप यह लग रहे हैं कि हरदोई, कानपुर, सीतापुर, लखनऊ, बाराबंकी समेत वेस्ट यूपी, पूर्वांचल के जिलों में एग्जाम माफिया की शह पर ऐसे कदम उठाय़ा गया है। अभ्यार्थियों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अलग अलग पालियों के लिए सेंटरों की दूरी काफी ज्यादा है और ऐसे में इग्जाम छूट भी सकता है।

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