खतौली रेलवे स्टेशन के पास उत्कल एक्सप्रेस अचानक डिरेल हो गई. इस घटना में 23 लोगों के मरने की पुष्टि हुई है. वहीँ हादसे में अबतक 156 लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई. हालाँकि घायलों की संख्या में इजाफा जारी है और सही आंकड़ें का इंतजार अभी भी है. हादसे में ट्रेन की एक बोगी नजदीक के मकान में घुस गई थी, जिसे निकालने में कड़ी मशक्कत हुई. वहीँ इस मकान के मालिक बिट्टू चौधरी ने बातचीत के दौरान उस भयावह मंजर के बारे में बताया.
हादसे में 300-400 लोग मरे: मकान मालिक
- बिट्टू चौधरी ने कहा कि उन्होंने अपनी आँखों के सामने ट्रेन की बोगी को हवा ले उड़ते देखा.
- रोंगटे खड़े कर देने वाले इस दृश्य को देख बिट्टू सहम गए थे.
- उन्होंने बताया कि बोगी ने उनके घर की दीवार तोड़ दी.
- आधी बोगी घर में जा घुसी थी.
- वहीँ मरने वालों की संख्या के बाबत पूछे गए सवाल पर उन्होंने बात की.
- उन्होंने कहा कि प्रशासन आंकड़ों को छिपा रहा है.
- कम से कम इस हादसे ने 300-400 जानें ली होंगी.
- वहीँ इस भीषण रेल हादसे में 1000 से अधिक घायल होंगे.
- उन्होंने बताया कि उन्होंने खुद 70-80 शवों को ले जाते देखा है.
- उन्होंने कहा कि दुर्घटना के बाद करीब 2 घंटे तक कोई नहीं आया.
- स्थानीय लोगों ने आपसी सद्भाव का परिचय दिया.
- उन्हीं लोगों ने ट्रेन में फंसे हुए लोगों को निकालने का काम शुरू किया.
- वहीँ मकान क्षतिग्रस्त होने के सवाल पर उन्होंने रेलवे के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की बात की है.
- उन्होंने कहा कि रेलवे मुआवजा दे वरना को उनके खिलाफ केस करेंगे.
- मकान मालिक ने कहा कि रेलवे की लापरवाही इस घटना का कारण है.
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मरम्मत कार्य ने छीन ली जिंदगियां:
- वहीँ इस हादसे के कारणों को लेकर जो बातें सामने आयी हैं, उसमें रेलवे की लापरवाही ही नजर आती है.
- डीआरएम आर एन सिंह ने स्वीकार किया कि उक्त ट्रैक पर मरम्मत कार्य चल रहा था.
- लेकिन उन्होंने इसे नियमित कार्य कार्य कहकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की.
- उन्होंने कहा कि हादसे की जाँच के आदेश रेल मंत्री ने दे दिए हैं.
- लिहाजा वो इस मामले पर ज्यादा कुछ नहीं कहेंगे.
- हालाँकि उन्होंने ये भी बताया था कि ट्रेन की रफ़्तार 100 किमी प्रति घंटे की रही होगी.
- वहीँ प्रशासन अभी 23 मौतों की पुष्टि कर रहा है.
- जबकि 156 घायलों की सूची यूपी सरकार ने जारी की है.
रेलवे को जर्जर ट्रैक की कई बार दी जा चुकी है जानकारी:
- दिल्ली-सहारनपुर के मेरठ लाइन के जर्जर स्थिति की खबर रेलवे को पहले से ही थी.
- कई बार रेलवे को ख़बरों के जरिये ये बताया जा चूका था कि उक्त ट्रैक की हालत गंभीर है.
- स्थानीय लोगों ने भी इसकी शिकायत की थी.
- लेकिन रेलवे के कान पर जू तब तक नहीं रेंगता जबतक कोई हादसा नहीं होता.
- इसी लापरवाही का नतीजा रहा कि 23 जानें एक झटके में ही चली गई.
- वहीँ कई अभी भी जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं.
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