भारत में राजनेताओं पर आपराधिक मामलें होना कोई नई बात नहीं हैं. ज्यादातर कई नेताओं पर कोई न कोई अपराधिक मामला चल रहा है. लेकिन इस श्रेणी में देश की सबसे बड़ी पार्टी और इस समय देश के ज्यादातर राज्यों की सत्ता पर काबिज भाजपा अव्वल है. एक रिपोर्ट के मुताबिक़ देश में करीब 1024 सांसद और विधायकों पर आपराधिक मामलें दर्ज हैं और इनसे से सबसे ज्यादा लंबी सूची भाजपा की है.
देश के 1024 सांसद और विधायकों पर आपराधिक मामलें
जनता जब अपने नेता का चुनाव करती है तो वह हमेशा चाहती है कि उसके द्वारा चुना गया नेता इमानदार हो, न कि दागदार हो. बावजूद इसके देश के कितने सांसद और विधायक है जो न केवल दागदार छवि के हैं, बल्कि उनपर बेहद संगीन मामलों पर मुक़दमे भी चल रहे हैं. बता दें कि एक रिपोर्ट के अनुसार, देश भर में करीब 1024 सांसदों और विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 64 नेताओं पर अपहरण के मामले दर्ज है।
एनजीओ एडीआर की रिपोर्ट से हुआ खुलासा:
एसोसिएशन आॅफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक़ देश के 1024 सांसदों पर विधायकों पर आपराधिक मामलें चल रहे हैं. इस बात की जानकारी एडीआर को नेताओं द्वारा चुनाव के दौरान जमा किए गए एफिडेविट से चला.
इतना ही नहीं गौरतलब बात तो ये हैं कि एफिडेविट में पाया गया कि 1024 सांसदों और विधायकों की सूची में 64 सांसदों और विधायकों पर अपहरण के मामले दर्ज हैं.
अपहरण के मामलों 64 नेता नाम:
एक गैर सरकारी संगठन (NGO) एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स द्वारा देश के 770 सांसदों और 4,086 विधायकों के हलफनामों के विश्लेष्ण के बाद ये निष्कर्ष निकला है कि 1,024 या कुछ 21 फीसदी देश के सांसदों-विधायकों ने यह घोषित किया है कि उनके खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.
इसमें से 64 ने अपने खिलाफ अपहरण से संबंधित मामलों की घोषणा की है. इसमें से 17 विभिन्न राजनीतिक दलों से ताल्लुक रखते हैं, जबकि चार निर्दलीय हैं।
भाजपा के 16 सांसद और विधायकों पर अपहरण के मामलें दर्ज:
बड़ी बात है कि भाजपा इस सूची में शीर्ष पर है। जबकि कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) दोनों दूसरे स्थान पर हैं। दोनों के छह-छह सदस्य इस सूची में शामिल हैं। एडीआर के मुताबिक, सूची में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के पांच, बीजू जनता दल (बीजद) और द्रमुक के चार-चार, समाजवादी पार्टी (सपा), तेदेपा के तीन-तीन, तृणमूल कांग्रेस, माकपा, और शिवसेना के दो-दो सदस्य शामिल हैं।
साथ ही इस सूची में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा), जद (यू), टीआरएस और उत्तर प्रदेश की निषाद पार्टी के एक-एक सदस्य का नाम भी शामिल है।
यूपी-बिहार के विधायक पर आपराधिक मामलें सबसे ज्यादा:
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, जिन विधायकों पर अपहरण के मामले दर्ज हैं, उनमें से ज्यादातर बिहार और उत्तर प्रदेश से है. यहाँ से नौ—नौ विधायक हैं, जबकि इस लिस्ट में महाराष्ट्र के 8 और पश्चिम बंगाल के 6 विधायकों पर अपहरण का मामला दर्ज हैं।
बता दें कि बिहार से जन अधिकार मोर्चा के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पर अपहरण के सबसे ज्यादा मामले दर्ज हैं। उन पर अकेले अपहरण के 6 मामले दर्ज हैं।
बिहार के एक अन्य सांसद, एलजेपी के राम किशोर सिंह को अपहरण के 4 मामलें दर्ज है। राज्यसभा सांसदों में महाराष्ट्र के धूत राजकुमार नंदलाल (एसएचएस) और नारायण तात्तु राणे (बीजेपी) पर भी अपहरण का मामला चल रहा है.
भाजपा दागी नेताओं को टिकेट देने में अव्वल:
इतना ही नहीं एक और रिपोर्ट से पता चला है कि बीजेपी ने पिछले 5 वर्षों में महिलाओं के खिलाफ आपराधिक मामलों में शामिल 47 उम्मीदवारों को पार्टी टिकट भी दिए हैं।
वहीं बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती ने आपराधिक मामलों के 35 उम्मीदवारों को टिकट जारी किए। इसी कड़ी में कांग्रेस ने इसी तरह के आरोपों में 24 उम्मीदवारों को टिकट दिए.