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उत्तर प्रदेश: वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट प्रमुख अंश

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उत्तर प्रदेश: वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट प्रमुख अंश

● आईटी० आई०टी०ई०एस० डेटा सेन्टर, ई०एस०डी०एम० डिफेंस एवं एयरोस्पेस इलेक्ट्रिक वाहन वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स, पर्यटन, टेक्सटाइल, एम०एस०एम०ई० सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिये लगभग 25 नीतिया प्रख्यापित की गयी हैं, जिनके माध्यम से प्रदेश में समेकित औद्योगिक विकास के लिये एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में अनेक सुधारात्मक कदम उठाए गये हैं।

● प्रदेश में त्वरित परिवहन के दृष्टिगत कई एक्सप्रेसवेज का निर्माण किया जा रहा है। इससे प्रदेश में द्रुत परिवहन के साथ-साथ एक्सप्रेसवेज के दोनों तरफ औद्योगिक / व्यावसायिक गतिविधियाँ तेज होगी जो प्रदेश के आर्थिक विकास में सहायक होगी।

● पाँच लाख रोजगार सृजन करने के उद्देश्य से प्रदेश में बनाये जा रहे एक्सप्रेसवेज के किनारे औद्योगिक गलियारों के सृजन का निर्णय लिया गया है। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलने के साथ-साथ प्रदेश में औद्योगिक विकास का वातावरण बनेगा, जिससे भविष्य में और अधिक विकारा के रास्ते खुलेगें

● पूर्वाचल एक्सप्रेस वे एवं बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस वे के किनारे 06 स्थानों पर औद्योगिक निर्माण संकुल बनाने का निर्णय लिया गया है। इनमें से 04 संकुल पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के किनारे तथा 02 संकुल बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के किनारे बनाये जाने प्रस्तावित है।

● प्रदेश सरकार द्वारा पहला इन्वेस्टर्स समिट फरवरी 2018 में आयोजित किया गया जिसमें प्राप्त निवेश प्रस्तावों के सापेक्ष लगभग 4 लाख करोड़ से अधिक का निवेश हो चुका है।

● भारत में व्यवसाय में सुगमता की रैंकिंग में 12 स्थानों का उल्लेखनीय सुधार करते हुये उत्तर प्रदेश देश में द्वितीय स्थान पर आ गया है। सफलता के पश्चात राज्यों की अचीवर्स श्रेणी में सम्मिलित होना इसका स्पष्ट प्रमाण है।

● प्रदेश में फार्मा पार्कों की स्थापना एवं विकास हेतु 25 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रदेश के त्वरित आर्थिक विकास व रोजगार तथा स्वरोजगार के अवसरों के सृजन में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों की महती भूमिका है। सूक्ष्म लघु एवं मध्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग द्वारा प्रदेश में अधिकाधिक एमएसएमई इकाईयों की स्थापना कराकर प्रदेश में पूँजी निवेश एवं रोजगार सृजन सुनिश्चित किया गया है।

● प्रदेश सरकार द्वारा घोषित नवीन एम०एस०एम०ई०नीति – 2022 में रोजगार सृजन में 15 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि प्रस्तावित है। इस नीति के अन्तर्गत एम०एस०एम०ई०इकाईयों को प्रथम बार 4 करोड़ रूपये तक पूँजी उपादान उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की गयी है।

● उक्त नीति के अन्तर्गत उद्यमियों को अधिक से अधिक लाभान्वित कराया जायेगा जिससे प्रदेश में पूँजी निवेश के साथ ही अधिकाधिक रोजगार सृजन हो सकेगा।

● प्रदेश में ओ०डी०ओ०पी० एवं हस्तशिल्प उत्पादों के विपणन को प्रोत्साहित करकने हेतु यूनिटी मॉल की स्थापना के लिये वित्तीय वर्ष 2023-2024 के बजट में 200 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● वर्तमान सरकार के अब तक कार्यकाल में लगभग 21,696 किलोमीटर लम्बाई में ग्रामीण मार्गों का निर्माण तथा अब तक लगभग 18,407 किलोमीटर लम्बाई में मार्गों का चौड़ीकरण एवं सुदृढीकरण किया गया।

प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने एवं जन सामान्य को यातायात की सुविधा देने के उद्देश्य से अन्तर्राष्ट्रीय / अन्तर्राज्यीय मार्गों का विकास, जिसके क्रम में 1024 कि०मी० लम्बाई की 87 सड़कों में से 75 सड़कों का निर्माण पूर्ण किया गया।

● मुख्यमंत्री समग्र ग्राम विकास योजनान्तर्गत 181 राजस्व ग्रामो में सड़क निर्माण किया गया।

● सड़कों और सेतुओं के निर्माण हेतु 21159 करोड़ 62 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● सड़कों और सेतुओं के अनुरक्षण हेतु 6209 करोड़ 50 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● कृषि विपणन सुविधाओं हेतु पुलों एवं सड़कों के कार्य के लिये 3473 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों हेतु 1525 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● रेलवे उपरिगामी सेतुओं के निर्माण हेतु 1700 करोड़ रुपये एवं अन्य सेतुओं हेतु 1850 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित हैं।

● राज्य राजमार्गों के चौड़ीकरण / सुदृढीकरण तथा नये कार्यो हेतु 2588 करोड़ 80 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● प्रमुख / अन्य जिला मार्गों के चौड़ीकरण / सुदृढीकरण तथा नये कार्यों हेतु 2538 करोड़ 80 लाख रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। धर्मार्थ मार्गों के विकास हेतु 1000 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● उत्तर प्रदेश का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 240.93 लाख हेक्टेयर है, जिसमें से 188.40 लाख हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य है। इसमें से 165.42 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल पर कृषि कार्य होता है।

● प्रदेश में 75,090 किलोमीटर लम्बी नहर प्रणालियों, 34,316 राजकीय नलकूपों, 29 पम्प नहरों, 252 लघु डाल नहरों एवं 69 जलाशयों से लगभग 99 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिचाई सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।

● हमारी सरकार के पिछले कार्यकाल में 20 परियोजनायें पूर्ण की गयी। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने से 21.42 लाख हेक्टेयर सिंचन क्षमता सृजित हुई जिससे 44 लाख 72 हजार कृषक लाभान्वित हो रहे हैं।

● मध्यगंगा (द्वितीय चरण) परियोजना, कचनौदा बांध के अवशेष कार्यों की परियोजना, शहजाद बांध स्प्रिंकलर परियोजना, लखेरी बांध परियोजना आदि परियोजनाओं के पूर्ण होने से 1.62 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त सिंचन क्षमता सृजित होगी, जिससे प्रदेश में 4.26 लाख कृषक लाभान्वित होंगे।

● विगत पांच वर्षों में लगभग 7426 किलोमीटर लम्बाई की नहर पटरियों को गढ्ढा मुक्त / नवीनीकरण किया गया।

● राजकीय नलकूपों एवं लघु डाल नहरों से सम्बन्धित 08 परियोजनाओं को पूर्ण करते हुये लगभग 1,17,435 हेक्टेयर की सिंचन क्षमता की पुनर्स्थापना कर लगभग 83,055 कृषक परिवारों को लाभान्वित किया गया।

● प्रदेश के विभिन्न 62 जनपदों में 2100 नवीन राजकीय नलकूपों का निर्माण परियोजना (नाबार्ड पोषित) आगामी 02 वर्षों में परियोजना के समस्त कार्यों को पूर्ण करते हुये 1.05 हेक्टेयर सिंचन क्षमता के सृजन का लक्ष्य है जिससे लगभग 01 लाख 03 हजार कृषक परिवार लाभान्वित होंगे।

● प्रदेश के विभिन्न 30 जनपदों के डार्क जोन में स्थित 569 असफल राजकीय नलकूपों का पुनःनिर्माण परियोजना आगामी 02 वर्षों में परियोजना के समस्त कार्यों को पूर्ण करते हुये 56. 90 हजार हेक्टेयर सिंचन क्षमता की पुनर्स्थापना का लक्ष्य है जिससे लगभग 39,800 कृषक परिवार लाभान्वित होंगे ।

●वित्तीय वर्ष 2023- 2024 में बाढ़ नियंत्रण एवं जल निकास हेतु रू० 2,803 करोड़ की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। मुख्य सिंचाई परियोजना के लिए 5332 करोड़ 50 लाख रूपये, मध्यम सिंचाई परियोजना के लिए 2220 करोड़ 20 लाख रूपये तथा लघु सिंचाई परियोजनाओं के लिए 3400 करोड़ रूपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

● नहरों एवं सरकारी नलकूपों से किसानों को मुख्य पानी की सुविधा हेतु 900 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● नवीन राजकीय नलकूपों के निर्माण की परियोजना (नाबार्ड पोषित) हेतु 502 करोड़ रूपये एवं 569 असफल राजकीय नलकूपों के पुर्ननिर्माण के लिए 100 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रास्तावित है।

● एलटीआईएफ योजनान्तर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में मध्य गंगा परियोजना के लिए 375 करोड़ रूपये, सरयू नहर परियोजना के लिए 192 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● जल निकास (नाबार्ड पोषित) की परियोजनाओं हेतु वित्तीय वर्ष
2023- 2024 में 330 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

● नदी में सुधार एवं कटाव निरोधक परियोजनाओं के लिए 1619 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

 

 

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